- मित्रो !जिस व्यक्ति की ईश्वर में आस्था होती है वह व्यक्ति ईश्वर की उपस्थिति को किसी भी समय अनुभव कर सकता है। अनास्थावान ईश्वर की उपस्थिति को कभी भी अनुभव नहीं कर सकता क्योंकि अनास्थावान का ईश्वर होता ही नहीं।ईश्वर के लिए, उसमें आस्था रखने वाले और उसमें आस्था न रखने वाले, सभी उसके बच्चे हैं किन्तु आस्था रखने वालों के लिए उनका ईश्वर है और अनास्था रखने वालों के लिए ईश्वर जैसा कुछ भी नहीं है। ऐसी स्थिति में अनास्थावान का ईश्वर से साक्षात्कार होने पर भी वह ईश्वर को नहीं देख सकेगा।
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