Wednesday, August 24, 2016

कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को बधाई : यदा यदा हि धर्मस्य ---

मित्रो !
           आप सभी को कृष्ण जन्माष्टमी पर बहुत-बहुत बधाई, आप सभी को जन्माष्टमी मंगलमय हो। इस अवसर पर आपके समक्ष श्रीमद भगवद्गीता के अध्याय 4 से श्लोक 7 8 प्रस्तुत कर रहा हूँ।
यदा यदा हि धर्मस्य  ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।
हे भारतवंशी अर्जुन! जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब ही मैं अपने रूप को रचता हूँ अर्थात साकार रूप से प्रकट होता हूँ।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय   सम्भवामि युगे युगे।।

साधु पुरुषों का उद्धार करने के लिए, पाप कर्म करने वालों का विनाश करने के लिए और धर्म की स्थापना करने के लिए मैं युग-युग में प्रकट होता हूँ। 


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