मित्रो !
समय सदैव गतिमान रहता है और हमें ऐसा अवसर कभी नहीं देता कि हम अपने जीवन के बीते हुए समय में की गयी भूलों का, उन पलों जिनमें ऐसी भूलें की गयीं थी में जाकर, सुधार कर सकें। जीवन के किसी गुजरे पल में की गयी किसी त्रुटि को कभी भी गुजरे हुए पल में जाकर ठीक किया जाना संभव नहीं है, केवल भविष्य में उसकी पुनरावृत्ति का रोका जाना ही संभव है। यह तभी संभव हो सकता है जब हम अपने द्वारा कृत कार्यों और व्यवहृत आचरण का समय-समय पर अनुश्रवण करते रहे और अपने क्रिया-कलापों के उचित या अनुचित होने का विश्लेषण करते रहे।
वैसे तो मेरा विचार है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने द्वारा प्रतिदिन किये गए आचरण और कार्यों की समीक्षा के लिए 5 मिनट का समय आरक्षित कर देना चाहिए। इस समय में उसे दिन भर के क्रिया-कलापों की समीक्षा करके गलत और सही का निर्धारण करते रहना चाहिए। यह समय रात्रि में सोने से पहले का 5 मिनट का समय हो सकता है। किन्तु किन्हीं कारणों से यदि हम ऐसा नहीं करते तब हमें यह कार्य प्रकृति द्वारा निर्धारित एक वर्ष के प्रत्येक अंतराल की समाप्ति पर अवश्य कर लेना चाहिए। इस दिन हमें गुजरे वर्ष में किये गए कार्यों और व्यवहृत किये गए आचरण की समीक्षा कर पता लगाना चाहिए कि जीवन में हम सही रास्ते पर जा रहे हैं अथवा नहीं? हमें जीवन में सही रास्ते पर बने रहने के लिए क्या अपनाना है और क्या छोड़ना है? जीवन के ऐसे कौन से ऐसे पहलू हैं जो अपेक्षित होते हुए भी उपेक्षित रहे हैं। यदि जीवन में तनाव है तब किन कारणों से। यदि जीवन में खुशी का अभाव है तब इसके पीछे क्या कारण रहे हैं ... ।
आज जबकि वर्ष 2017 समाप्त होने जा रहा है, मेरा आपसे अनुरोध है कि आप New Year's Eve पर इस सम्बन्ध में विचार करने के साथ-साथ निम्नलिखित विन्दुओं पर भी विचार अवश्य करें :
1. क्या आपके अपने बड़ों के प्रति आपके क्रिया-कलाप ऐसे रहे हैं जो उनका आशीर्वाद पाने के लिए उचित एवं पर्याप्त कहे जा सकें?
2. क्या आप उनको, जो आप से प्यार और सरंक्षण की अपेक्षा करते हैं, को उचित सरंक्षण और प्यार दे पाने में सफल रहे हैं?
3. क्या आप अपने परिवारीय सदस्यों की आवश्यकताएं पूरी करने, उन्हें प्यार, सरंक्षण और खुशी देने में सफल रहे हैं?
4. क्या आपने उनके, जो आप पर निर्भर हैं, भविष्य को सुरक्षित करने के कोई प्रयास किये हैं?
5. क्या आप अपने कर्तव्यों और दायित्वों के प्रति ईमानदार और निष्ठावान रहे हैं?
6. आप क्रोध और ईर्ष्या पर किस सीमा तक नियंत्रण पाने में सफल रहे हैं?
7. समाज में आपकी छवि कैसी रही है?
8. क्या आपके निर्णय निष्पक्ष रहे हैं?
9. क्या आपके कृत्य आपको यथोचित सम्मान और प्यार दिलाने के लिए पर्याप्त रहे हैं?
10. क्या आपने किसी अवसर पर किसी असहाय या जरूरत मंद की सहायता की है?
11. वे कौन से क्रिया-कलाप हैं जो आपको नहीं करना चाहिये था?
12. क्या आपने कोई ऐसे कृत्य भी किये हैं जो सृजनात्मक नहीं थे?
13. आप अपने अबांछित विचारों पर नियंत्रण रख पाने में कहाँ तक सफल रहे हैं?
14. क्या आप अपनी गलतियों पर शर्मिंदा हुये हैं?
15. क्या आप दूसरों की ऐसी गलतियों के लिए जिनके लिए आप उन्हें क्षमा कर सकते थे किन्तु फिर भी आप उनको क्षमा करने में विफल रहे हैं?
16. क्या आपने समय का सदुपयोग किया है?
17. क्या आप अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहे हैं? आपकी जीवन शैली स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं डाल रही है?
18. क्या आपके बच्चे आपके सरंक्षण में उचित मार्ग पर प्रसस्त हो रहे हैं?
19. ऐसे कौन से अनुपयोगी क्रिया-कलाप रहे हैं जिनसे आप छुटकारा पाना चाहेंगे?
20. ऐसे कौन से नए क्रिया-कलाप हो सकते हैं जो आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं?
मेरा विश्वास है कि मेरे मित्र इस दिशा में अपना योगदान देकर मुझे कृतार्थ करेंगे।
नव वर्ष पर पुनः भेंट की आशा के साथ,
केशव दयाल।