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एकीकृत माल और सेवा
कर अधिनियम की धारा 16 अथवा जीएसटी कानूनों में अन्य स्थानों पर प्रयुक्त अथवा संदर्भित पद "शून्य दर पूर्ति"
(Zero rated supply) का प्रयोग भ्रम की स्थिति उत्पन्न करता है। इसका सामान्यतः समझी
जाने वाली "Zero rated supply" से कोई सम्बन्ध नहीं है और न ही इसका सम्बन्ध
कर की दर अथवा सप्लाई की कर देयता से है।
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एकीकृत माल और
सेवा कर अधिनियम
की धारा 16
की उपधारा (1) में
पद "शून्य दर पूर्ति"
(Zero rated supply) को निम्न प्रकार परिभाषित
किया गया है:
16. (1) ‘‘शून्य दर पूर्ति’’ से माल या सेवाओं या
दोनों की निम्नलिखित कराधेय पूर्तियां अभिप्रेत हैं, अर्थात् :--
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(क)
माल या सेवा या दोनों का निर्यात ; या
(ख)
किसी विशेष आर्थिक जोन विकासकर्ता या किसी विशेष आर्थिक जोन
इकाई को माल या सेवाएं या दोनों की पूर्ति।
इस धारा की उपधाराएं (2) व (3)
निम्नवत हैं:
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(2) केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम की धारा 17 की उपधारा (5) के उपबंधों के अध्यधीन शून्य दर पूर्तियां करने के लिए इनपुट कर का प्रत्यय इस बात के होते हुए
भी प्राप्त किया जा सकेगा कि ऐसी पूर्ति कोई छूट प्राप्त पूर्ति हो सकेगी ।
(3) माल या सेवा या दोनों का निर्यात करने वाला रजिस्ट्रीकृत कोई व्यक्ति केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम की धारा 54 और उसके अधीन बनाए गए नियमों के उपबंधों के अनुसार निम्नलिखित विकल्पों में किसी के अधीन प्रतिदाय का दावा करने का पात्र होगा, अर्थात् :--
(क)
वह एकीकृत कर के संदाय बिना ऐसी शर्तों, रक्षापायों और प्रक्रिया के अध्यधीन, जो विहित किए जाएं, बंधपत्र या वचनबंध पत्र के अधीन माल या सेवाओं या दोनों का निर्यात कर सकेगा और अनुपयोजित इनपुट कर प्रत्यय के प्रतिदाय का दावा कर सकेगा ;
या
(ख)
वह पूर्ति किए गए माल या सेवाओं या दोनों पर एकीकृत कर के संदाय पर ऐसी शर्तों, रक्षापायों और प्रक्रिया के अध्यधीन, जो विहित किए जाएं, माल या सेवा या दोनों का निर्यात कर सकेगा और ऐसे संदत्त
कर के प्रतिदाय का दावा कर सकेगा ।
अगर हम पद
"शून्य दर पूर्ति"
(Zero rated supply) के स्थान पर पद
"विशिष्ट श्रेणी पूर्ति"
(Special category supply) सभी जगह रख दें तो हम देखते हैं कि कर देयता या इनपुट टैक्स क्रेडिट या बापसी
(refund) सम्बन्धी प्राविधानों में कोई प्रभाव नहीं पड़ता। जाहिर है कि पद
"शून्य दर पूर्ति"
का कोई कर देयता या इनपुट टैक्स क्रेडिट या बापसी के प्राविधानों पर कोई प्रभाव नहीं है। पद
"शून्य दर पूर्ति"
का प्रयोग दो प्रकार की पूर्तियों को संदर्भित करने मात्र के लिए किया गया है।
उपधारा (2) में शब्दों
"ऐसी पूर्ति कोई छूट प्राप्त पूर्ति हो सकेगी।"
के प्रयोग से स्पष्ट है कि "शून्य दर पूर्ति"
के छूट प्राप्त पूर्ति होने की स्थिति में
भी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ अनुमन्य होगा। इसका आशय यह हुआ कि शून्य दर पूर्ति कर योग्य और कर मुक्त दोनों प्रकार की हो सकती है। यदि शून्य दर पूर्ति का आशय ऐसी सप्लाई से रहा होता जिस पर कर की दर शून्य रही होती तब सभी शून्य दर पूर्तियाँ कर मुक्त रही होतीं क्योंकि केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम की धारा 2 के क्लाज (47)
में शून्य दर आकर्षित करने वाली पूर्तियों को
"छूट प्राप्त प्रदाय"
(exempt supply) में शामिल किया गया है।
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