हम सभी के अन्दर खुशी से भरा एक घडा रहता है । इस खुशी (happiness) भरे घडे (pitcher) से खुशी छलकाने का एक तरीका है कि उसमें एक छोटी सी खुशी डालो , उसमें भरी खुशी स्वतः छलक कर बाहर आ जायेगी और हमारे शरीर को खुशी से सराबोर कर देगी । मन हल्का फुल्का महसूस करेगा और हमसे सभी पायेंगे खुशी ।आपने कभी बच्चों को पानी भरे तालाब में एक छोटा सा पत्थर का टुकडा फेंकते हुए देखा है ? टुकडा छोटा होता है लेकिन जो तालाब का पानी उछलता है वह तुकडे का कई गुना होता है । हमारे अन्दर से निकलने वाली खुशी तालाब के उस पानी की तरह ही होती है ।
किसी व्यक्ति को खुशी के अवसरों को खोना नहीं चाहिए । उसे प्रत्येक समय खुशी के अवसर की तलाश में रहना चाहिए , खुशी का वातावरण बनाना चाहिए । तब कभी कोई समस्या नहीं होगी । अगर आप चाहते हैं की अन्य लोग आपको आनंद दें तब आपको चाहिए की आप उनको आनंद देकर प्रोत्साहित करें ।
उनकी खुशी कब तक नहीं छलकेगी । लेकिन आपको खुशी का एक छोटा सा टुकडा उनके खुशी के घडे में फेकना होगा । अरे किसी की पसंद (liking) का खाना उसके सामने परोस (serve) करके उसे आश्चर्यचकित तो करो और फिर देखो कि उसके अन्दर से खुशी कैसे छलकती है ।
आज कि दुनियाँ में हम सभी तनाव पूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे हैं । अगर आप चाहते हैं की कोई तनाव भूल जाय , तब आप उसे एक छोटी सी खुशी देकर उसका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करें । लोग उपहार देकर खुशी खरीदने का प्रयास करते हैं , किंतु उपहार तो केवल अस्थायी खुशी ही प्रदान करते हैं । क्यों ? खुशी एक भाव है और भाव की तुलना किसी भौतिक पदार्थ से नहीं की जा सकती है । एक पदार्थ किसी भाव का स्थान कैसे ले सकता है । जब आपका जीवन साथी दिन भर के अपने काम से थका हारा शाम को घर वापस आता है, तब जब आप उसका स्वागत करते हुए दो मीठे बोल बोल देते हैं जैसे कि आज आप कुछ थके से लग रहे हैं, आप बैठ कर कुछ आराम कीजिये मैं आपके लिए चाय / काफी लाता हूँ / लाती हूँ । और जब आप एक कप चाय या काफी लेते हुए अपने साथी के दिन भर के अस्सिग्न्मेंट्स और घटनाओं के बारे में पूँछ लेते हैं तब आप मेरा यकीन कीजिये कि आप अपने साथी का दिल जीत लेते हैं । कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है कि आप का साथी आप के द्बारा चाय या कोफी लेने के बारे में पूछने पर आप से कह दे कि अगर आपने ले ली है तब रहने दो । ऐसे में अगर आपने चाय ले भी रक्खी है तब खुशी की खातिर अपने साथी के प्रति प्रेम की खातिर एक झूठ भी बोल देने कि आप तो उनका इंतजार कर रहे थे और सोच रहे थे कि आपके आने पर ही आपके साथ ही चाय पियेंगे, से कुछ नहीं बिगड़ता । झूठ वह होता है जिसके पीछे दूषित भावना हो , जिसके बोलने से किसी का अहित होता हो । इसमें नया कुछ भी नहीं है लेकिन इससे घर आने वाले साथी को खुशी मिलती है और जिंदगी में नया उत्साह भर जाता है ।
विषम आर्थिक स्थिति रखने वाले परिवारों के लडके और लड़कियों की शादी कोई नयी चीज नहीं है। एक सामान्य स्थिति है. लेकिन कुछ मामलों में यह असामनता दुख का कारण बन जाती है और जिंदगी से आकर्षण ही समाप्त हो जाता है। शादी के बाद पति और पत्नी दोनों की जिम्मेदारी होती है की जिंदगी की गाड़ी बिना किसी रुकावट के चले । हम भूत काल पर असंतोष जताते हुए वर्तमान का आकर्षण क्यों खो दें ।
किसी व्यक्ति को खुशी के अवसरों को खोना नहीं चाहिए । उसे प्रत्येक समय खुशी के अवसर की तलाश में रहना चाहिए , खुशी का वातावरण बनाना चाहिए । तब कभी कोई समस्या नहीं होगी । अगर आप चाहते हैं की अन्य लोग आपको आनंद दें तब आपको चाहिए की आप उनको आनंद देकर प्रोत्साहित करें ।
उनकी खुशी कब तक नहीं छलकेगी । लेकिन आपको खुशी का एक छोटा सा टुकडा उनके खुशी के घडे में फेकना होगा । अरे किसी की पसंद (liking) का खाना उसके सामने परोस (serve) करके उसे आश्चर्यचकित तो करो और फिर देखो कि उसके अन्दर से खुशी कैसे छलकती है ।
आज कि दुनियाँ में हम सभी तनाव पूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे हैं । अगर आप चाहते हैं की कोई तनाव भूल जाय , तब आप उसे एक छोटी सी खुशी देकर उसका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करें । लोग उपहार देकर खुशी खरीदने का प्रयास करते हैं , किंतु उपहार तो केवल अस्थायी खुशी ही प्रदान करते हैं । क्यों ? खुशी एक भाव है और भाव की तुलना किसी भौतिक पदार्थ से नहीं की जा सकती है । एक पदार्थ किसी भाव का स्थान कैसे ले सकता है । जब आपका जीवन साथी दिन भर के अपने काम से थका हारा शाम को घर वापस आता है, तब जब आप उसका स्वागत करते हुए दो मीठे बोल बोल देते हैं जैसे कि आज आप कुछ थके से लग रहे हैं, आप बैठ कर कुछ आराम कीजिये मैं आपके लिए चाय / काफी लाता हूँ / लाती हूँ । और जब आप एक कप चाय या काफी लेते हुए अपने साथी के दिन भर के अस्सिग्न्मेंट्स और घटनाओं के बारे में पूँछ लेते हैं तब आप मेरा यकीन कीजिये कि आप अपने साथी का दिल जीत लेते हैं । कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है कि आप का साथी आप के द्बारा चाय या कोफी लेने के बारे में पूछने पर आप से कह दे कि अगर आपने ले ली है तब रहने दो । ऐसे में अगर आपने चाय ले भी रक्खी है तब खुशी की खातिर अपने साथी के प्रति प्रेम की खातिर एक झूठ भी बोल देने कि आप तो उनका इंतजार कर रहे थे और सोच रहे थे कि आपके आने पर ही आपके साथ ही चाय पियेंगे, से कुछ नहीं बिगड़ता । झूठ वह होता है जिसके पीछे दूषित भावना हो , जिसके बोलने से किसी का अहित होता हो । इसमें नया कुछ भी नहीं है लेकिन इससे घर आने वाले साथी को खुशी मिलती है और जिंदगी में नया उत्साह भर जाता है ।
विषम आर्थिक स्थिति रखने वाले परिवारों के लडके और लड़कियों की शादी कोई नयी चीज नहीं है। एक सामान्य स्थिति है. लेकिन कुछ मामलों में यह असामनता दुख का कारण बन जाती है और जिंदगी से आकर्षण ही समाप्त हो जाता है। शादी के बाद पति और पत्नी दोनों की जिम्मेदारी होती है की जिंदगी की गाड़ी बिना किसी रुकावट के चले । हम भूत काल पर असंतोष जताते हुए वर्तमान का आकर्षण क्यों खो दें ।
एक अबोध बच्चा खुशी का कभी न समाप्त होने वाला एक विशाल श्रोत होता है । कोई भी व्यक्ति बच्चे से उतनी खुशी पा सकता है जितनी वह चाहे । हमें बच्चे की दुनिया को खिलोने देकर सीमित नहीं करना चाहिए । खिलोने खिलोने होते हैं । एक दिन बच्चे का मन ऊब जाता है और वह अन्य खिलौना चाहने लगता है । क्योंकि पुराना खिलोना अब उसे और खुशी नहीं दे पाता है । हमें उसके इन्नोसेंट एक्ट्स को शेयर करना चाहिए और आनंद का अनुभव करना चाहिए ।
क्या आपने ध्यान दिया है कि एक अबोध बच्चे के चेहरे पर मुस्कान कितने ही लोगों को अपार खुशी दे सकती है । हमारे दायित्व और प्यार केवल बच्चे का मन पसंद खाना, जरूरत की दवा, उसका होम वर्क और विश्राम तक सीमित नहीं होने चाहिए । हमें बच्चे के साथ अधिक से अधिक बात करने का प्रयास करना चाहिए । हो सकता है की उसके विचार हमारे लिए अर्थहीन हों, किंतु हमें यह नहीं भूलना चाहिए की ऐसे विचार बच्चे के लिए बहुत महत्व रखते हैं और इसीलिए वह हमारे साथ विचारों को शेयर करता है । हमें धैर्य नहीं खोना चाहिए । बच्चे का व्यवहार निश्चित रूप से हमें खुशी देता है । माता या पिता के लिए बच्चे कभी बड़े नहीं होते, वे सदा ही बच्चे रहते हैं । इस कारण कोई भी माँ - बाप जब तक उनका बच्चा उनके पास है खुशी का जीवन के अंत तक अनुभव कर सकते हैं । कभी मत भूलो कि छोटी खुशी देने से बड़ी खुशी मिलती है ।
क्या आपने ध्यान दिया है कि एक अबोध बच्चे के चेहरे पर मुस्कान कितने ही लोगों को अपार खुशी दे सकती है । हमारे दायित्व और प्यार केवल बच्चे का मन पसंद खाना, जरूरत की दवा, उसका होम वर्क और विश्राम तक सीमित नहीं होने चाहिए । हमें बच्चे के साथ अधिक से अधिक बात करने का प्रयास करना चाहिए । हो सकता है की उसके विचार हमारे लिए अर्थहीन हों, किंतु हमें यह नहीं भूलना चाहिए की ऐसे विचार बच्चे के लिए बहुत महत्व रखते हैं और इसीलिए वह हमारे साथ विचारों को शेयर करता है । हमें धैर्य नहीं खोना चाहिए । बच्चे का व्यवहार निश्चित रूप से हमें खुशी देता है । माता या पिता के लिए बच्चे कभी बड़े नहीं होते, वे सदा ही बच्चे रहते हैं । इस कारण कोई भी माँ - बाप जब तक उनका बच्चा उनके पास है खुशी का जीवन के अंत तक अनुभव कर सकते हैं । कभी मत भूलो कि छोटी खुशी देने से बड़ी खुशी मिलती है ।
HAPPINESS
ham sabhi ke andar khushi bhara ek ghara rahataa hai. Isa khushi (happiness) bhare ghade (pitcher) se khushi chhalakaane ka ek tarika hai ki usamein ek chhoti si khusi daalo, usamein bhari khusi chhalak kar baahar aa jaayegi aur hammare body ko khushi se bhar degi. Man halka fulka mahsoos karega aur hamase sabhi paayenge khusi.Dekha hai kabhi bachchon ko pani bhare taalaab mein ek chhota sa patthar ka tukada pheinkate huye. Tukada chhota hota hai lekin jo taalaab ka paani uchhalata hai woh tukade ka kayee guna hota hai. Hamare andar se nikalane waali khusi taalaab ke us paani ki tarah hi hai.?A person should not miss occasions of happiness. At the same time s/he should search occasions, s/he should create atmosphere of happiness. Then there will be no problem. If you want that others should give you pleasure, give them a small pleasure. Unaki khushi kab tak nahin chhalakegi. But you will have to throw a small piece of stone of happiness in the pitcher of happiness which they possess. Are kisi ki pasand (liking) ka khana usake saamane paros (serve) kar use surprise toh doa, dekho khusi chhalak padegi.In the world of today, we all are living a tense life. If you want that one should forget about tension, try to draw his/her attention towards you by giving her/him a small pleasure. People try to buy happiness by presenting gifts. But those gifts give only momentary pleasure. Why? Happiness is something abstract and cannot be equated with any materialistic thing. How a materialistic thing can be a substitute of an abstract thing? When counterpart returns home after attending his/her job, when his/her counterpart receives him/her and says today you seem a bit tired. Thereafter asks him/her to be relaxed and to have a cup of tea or coffee. While having a cup of coffee or tea, when counterpart asks him or her about the days assignments, you trust me; s/he wins faith of her/his counterpart. Sometime it may happen that counterpart may refuse to have tea or coffee or anything else or may say that if you already had, then leave it. But then even if you had already taken tea or coffee, tell him/her that you had decided to have a cup of coffee or tea with him/her. There is nothing new in it but it gives a lot of pleasure to the person coming home. And the life goes on …… with new enthusiasm.Marriages in between girls and boys having unequal financial status are not uncommon. But in some cases, this inequality becomes cause of grievance and life loses all its charm. After marriage, it is the responsibility of husband and wife both, to run the life in a smooth manner. Why we should lose charm of our present by repenting for our past?An innocent child is always a vast treasure of happiness, an enormous source of love. One can get so much of love from a child as s/he desires. We should not circumscribe the world of a child by providing him/her toys alone. Khilone, khilone hote hain. Ek din bachche ka man uub jaata hai aur woh naya khilona chahane lagata hai because old toy gives him/her no more pleasure. We should share his/her innocent acts and enjoy them. Have you noticed that an innocent smile on face of a child gives lot of happiness to so many persons? Our sincerity and love should not be limited to our acts of providing food, medical needs, home work or rest. We should talk to him/her as much as we can do. His/her thoughts may be meaningless for us, but we should not forget that those are important for the child that is why the child has shared with us. One should not be impatient. The child’s behaviour definitely will give you moments of pleasure. For a mother or a father, her/his child never gets old. So one can enjoy happiness till his/her child is there. Never forget, chhoti khushi dene se badi khushi milati hai.
ham sabhi ke andar khushi bhara ek ghara rahataa hai. Isa khushi (happiness) bhare ghade (pitcher) se khushi chhalakaane ka ek tarika hai ki usamein ek chhoti si khusi daalo, usamein bhari khusi chhalak kar baahar aa jaayegi aur hammare body ko khushi se bhar degi. Man halka fulka mahsoos karega aur hamase sabhi paayenge khusi.Dekha hai kabhi bachchon ko pani bhare taalaab mein ek chhota sa patthar ka tukada pheinkate huye. Tukada chhota hota hai lekin jo taalaab ka paani uchhalata hai woh tukade ka kayee guna hota hai. Hamare andar se nikalane waali khusi taalaab ke us paani ki tarah hi hai.?A person should not miss occasions of happiness. At the same time s/he should search occasions, s/he should create atmosphere of happiness. Then there will be no problem. If you want that others should give you pleasure, give them a small pleasure. Unaki khushi kab tak nahin chhalakegi. But you will have to throw a small piece of stone of happiness in the pitcher of happiness which they possess. Are kisi ki pasand (liking) ka khana usake saamane paros (serve) kar use surprise toh doa, dekho khusi chhalak padegi.In the world of today, we all are living a tense life. If you want that one should forget about tension, try to draw his/her attention towards you by giving her/him a small pleasure. People try to buy happiness by presenting gifts. But those gifts give only momentary pleasure. Why? Happiness is something abstract and cannot be equated with any materialistic thing. How a materialistic thing can be a substitute of an abstract thing? When counterpart returns home after attending his/her job, when his/her counterpart receives him/her and says today you seem a bit tired. Thereafter asks him/her to be relaxed and to have a cup of tea or coffee. While having a cup of coffee or tea, when counterpart asks him or her about the days assignments, you trust me; s/he wins faith of her/his counterpart. Sometime it may happen that counterpart may refuse to have tea or coffee or anything else or may say that if you already had, then leave it. But then even if you had already taken tea or coffee, tell him/her that you had decided to have a cup of coffee or tea with him/her. There is nothing new in it but it gives a lot of pleasure to the person coming home. And the life goes on …… with new enthusiasm.Marriages in between girls and boys having unequal financial status are not uncommon. But in some cases, this inequality becomes cause of grievance and life loses all its charm. After marriage, it is the responsibility of husband and wife both, to run the life in a smooth manner. Why we should lose charm of our present by repenting for our past?An innocent child is always a vast treasure of happiness, an enormous source of love. One can get so much of love from a child as s/he desires. We should not circumscribe the world of a child by providing him/her toys alone. Khilone, khilone hote hain. Ek din bachche ka man uub jaata hai aur woh naya khilona chahane lagata hai because old toy gives him/her no more pleasure. We should share his/her innocent acts and enjoy them. Have you noticed that an innocent smile on face of a child gives lot of happiness to so many persons? Our sincerity and love should not be limited to our acts of providing food, medical needs, home work or rest. We should talk to him/her as much as we can do. His/her thoughts may be meaningless for us, but we should not forget that those are important for the child that is why the child has shared with us. One should not be impatient. The child’s behaviour definitely will give you moments of pleasure. For a mother or a father, her/his child never gets old. So one can enjoy happiness till his/her child is there. Never forget, chhoti khushi dene se badi khushi milati hai.
2 comments:
कभी मत भूलो की छोटी खुशी देने से बड़ी खुशी मिलती है ।
Itne saral shabdon mein itni mahatwapurna baatein jeevan mein aapke aseem anubhav ko darshati hain. Apne amulya anubhav hamare saath baantne ka dhanyawad.
खुशी छलकाने का एक तरीका है की उसमें एक छोटी सी खुशी डालो .........
kitni pyaari aur sahi pankti hai!
gr8!
mera anurodh hai ki hindi me likhen to ek samuh ise padh sakega aur samjhega.........
shubhkamnayen
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