मित्रो !
प्राकृतिक संसाधनों पर बोझ घटाने और पर्यावरण प्रदूषण कम करने के लिए आइये हम सब
1. अनावश्यक कार्य न करने;
2. खपत में मितव्यता बरतने; और
3. दुरुपयोग तथा बर्बादी रोकने, की
कल्याणकारी मुहिम से जुड़ें।
मुहिम में भागीदारी से स्व-हित, जनहित और जगत हित सभी सुरक्षित होंगे। ऐसा होने पर हमारी आवश्यकताएँ घटेंगी, हमारे द्वारा वस्तुओं की मांग घटेगी। ऐसी स्थिति में हमें आर्थिक लाभ तो होगा ही साथ ही वस्तुओं के उत्पादन में प्रयोग होने वाले संसाधनों की बचत होगी, उत्पादन प्रक्रिया से होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी। फलस्वरूप वर्तमान में घटित होने वाली प्राकृतिक आपदाओं में कमी आएगी।
शहरों में बिजली, पानी, फ्यूल गैस और वाहनों का प्रयोग ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनसे अभियान की शुरुआत की जा सकती है, बाद में धीरे-धीरे अन्य क्षेत्र भी अभियान के दायरे में लाये जा सकते हैं।
तीन दिन पूर्व मेरे मन में यह प्रश्न उठा था कि मैं शहर में रहते हुए किस प्रकार संसाधनों को बचाने और प्रदूषण को रोकने में अपना योगदान कर सकता हूँ। मुझे जो उत्तर मिला वह मैंने आपके सामने रखा है। दो दिन पूर्व मैंने स्वयं अभियान की शुरुआत कर दी है, अच्छा अनुभव कर रहा हूँ और उत्साहित भी हूँ। ऐसे में अन्य लोगों से निवेदन कर रहा हूँ कि यदि उन्हें यह विचार अच्छा लगे तब वे भी अधिक-से अधिक संख्या में अभियान से जुड़कर मुझे कृतार्थ करने की कृपा करें।
In order to reduce burden on our natural resources
and to save the environment, join this Mangalkari Abhiyaan, the
"Auspicious Campaign". You can do so by limiting your requirements,
by consuming according to your needs and by not wasting or misusing the material
or means.By doing this, you will do a favor to yourself, to others and to this
holy Earth.
No comments:
Post a Comment