मित्रो !
माँ के साथ दुर्व्यवहार और दुराचार करने का दुस्साहस बिरले ही करते हैं। ऐसे में धरती के साथ हो रहे दुर्व्यवहार और दुराचार को रोकने में हम तब तक कामयाब नहीं हो सकते जब तक हम दिल से धरती को उसका माँ का दर्जा उसे लौटा नहीं देते।
हमें चाहिए कि हम स्वयं बसुंधरा को माँ माने और अपनी संतानों को भी धरती को माँ मानकर उसका सम्मान करना सिखाएं। प्रत्येक माँ अपने बच्चों को समझाए कि वह उनकी जन्मदात्री अवश्य है किन्तु जन्म के बाद उनका जीवन भर पालन-पोषण करने वाली उनकी माँ धरती माँ है। यह ऐसी माँ है जो जीवन भर साथ निभाने वाली है। यह हम सब की माँ है, यह माँ की भी माँ है, यह परम माँ है।
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