Thursday, February 11, 2016

MARRIAGE AS I THINK


मित्रो !
        विवाह के बारे में मेरा मानना है कि -
Marriage is neither an adjustment for short-term pleasure nor a relationship of convenience. It is lifelong unification of two persons for achieving common objects in their lives, marriage is a relationship of commitments.

       विवाह न तो अल्पकालिक खुशी के लिए एक समायोजन है और न ही सुविधा का एक रिश्ता है। यह दो व्यक्तियों के जीवन में आम उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उनका आजीवन एकीकरण है, विवाह प्रतिबद्धताओं का एक रिश्ता है।


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