मित्रो !
दुनिया की अदालत में तुम अपने पक्ष में झूठी गवाही और सबूत पेश करके दण्ड पाने से बच सकते हो किन्तु ईश्वर की अदालत में नहीं बच सकते क्योंकि ईश्वर की अदालत में न तो गवाहों और सबूतों की आवश्यकता होती है और न ही झूठा बयान देने का मौका मिलता है क्योंकि प्रत्येक मामले में ईश्वर स्वयं प्रत्यक्षदर्शी रहा होता है।
Friends !
Here you can escape from getting punishment in a
court by producing false testimony and evidences in your favour but not in the
court of God. In the court of God neither witness and evidences are required
nor is opportunity needed for giving statements. Because, in each case, the God
would have been an eyewitness.
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