मित्रो !
एक बच्चा जो एक खिलौना पाकर उसके साथ व्यस्त हो जाता है ख़ुशी का अनुभव करता है जबकि दूसरा बच्चा जो एक खिलौना पाकर भी बहुत सारे खिलौनों के लिए रोता है वह एक खिलौने से मिलने वाली ख़ुशी को भी गँवा देता है। ख़ुशी का मूल मन्त्र इसी कथन में छिपा है।
ख़ुशी का मूल मन्त्र है "जो मिला है उसको लेकर जियो और जश्न मनाओ और जो नहीं मिला है उसके लिए शोक न करो।"
Friends !
A child,
who on receiving one toy gets busy with it, experiences happiness. Whereas
another child, who
on receiving one toy cries for so many other toys, loses even the happiness
which a single toy can give. Key to happiness is hidden in this statement.
Key to happiness is "Live and celebrate with
what you have and don't cry for what you don't have".
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