मित्रो !
हम
शारीरिक बल बढ़ाने
के लिए जीवन
भर तरह - तरह
के उपाय करते
रहते हैं किन्तु
आत्मबल बढ़ाने की ओर
कुछ ही लोग
ध्यान देते हैं।
हमें यह ध्यान
रखना चाहिए कि
आत्मबल का
बढ़ाया जाना शारीरिक
बल के बढ़ाये
जाने से अधिक
महत्व रखता है।
धैर्य, साहस, उत्साह, निष्ठा,
तन्मयता, निर्भयता, आत्म-विश्वास,
दृढ़ता भी आत्मबल
के ही प्रकट
लक्षण हैं। चारित्रिक विकास और अंतःकरण की शुद्धि के लिए भी आत्मबल की
आवश्यकता होती है।
Meanings
आत्मबल = Willpower
वर्धन =Enhancement
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