मित्रो
!
जब
कोई
व्यक्ति
हमारी
सहायता
करता
है
अथवा
कोई
वस्तु
हमें
उपहार
में
देता
है
तब
हमारे
अंदर
उसके
प्रति
आदर
की
भावना
उत्पन्न
हो
जाती
है। इस
भावना को
प्रकट करने
के लिए
हम धन्यवाद
(Thanks), हम आपके
आभारी हैं,
हम आपके
कृतज्ञ हैं,
I am obliged, I am thankful to you, I am grateful to you आदि
शब्दों को
कहते हुए
उस व्यक्ति
के प्रति
आभार जताते
हैं। आभार
व्यक्त करते
समय हमारे
अंदर विनम्रता
का भाव
होता है।
आभार व्यक्त
करना सकारात्मक
सोच और
हमारी आशावादी
दृष्टिकोण का
परिचायक है।
जो लोग
आभार व्यक्त
नहीं करते
उन लोगों
की अपेक्षा
आभार व्यक्त
करने वाले
लोग अधिक
खुश रहते
हैं तथा
उन्हें सामाजिक
समर्थन और
प्रतिष्ठा अधिक
प्राप्त होती
है। आभार
प्रदर्शन से
हम गुडविल
भी
कमाते है
(We earn goodwill by expressing gratitude)।
आभार प्रकट
करने वाले
लोगों में
तनाव और
अवसाद का
स्तर निम्न
होता है।
इसके विपरीत
आभार प्रकट
न करने
वाले व्यक्तियों
में तनाव
और अवसाद
का स्तर
उच्च होता
है। इस
प्रकार हम
देखते हैं
कि आभार
प्रकट करने
का प्रभाव
हमारे स्वास्थ्य,
हमारी गुडविल,
हमारी सोच
और हमारी
सामाजिक प्रतिष्ठा
पर भी
होता है।
स्पष्ट है
कि आभार
व्यक्त करने
की अवधारणा
हमारे जीवन
में महत्वपूर्ण
स्थान रखती
है। हमें
इसका अधिकाधिक
प्रयोग करना
चाहिए। हमें
प्रत्येक ऐसे
अवसर को
पहचानना चाहिए
जिस पर
हम
आभार का
प्रदर्शन कर
सकते हैं।
यह देखा
गया है
कि कुछ
लोग किसी
वस्तु का
क्रय करने
के उपरांत
विक्रेता के
अच्छे व्यवहार
के लिए
उसे धन्यवाद
या Thank you कहते हैं।
यह एक
स्वस्थ परंपरा
है। परिवार
के सदस्य
विशेष रूप
से बच्चे
जब भी
कोई वस्तु
हमें लाकर
दें तब
हमें उन्हें
धन्यवाद (Thank you) कहना
नहीं भूलना
चाहिए। इससे
उनमें भी
इस आभार
व्यक्त करने
की स्वस्थ
परंपरा का
विकास होता
है साथ
ही वे
यह भी
अनुभव करते
हैं कि
उनके बड़े
उन्हें बहुत
प्यार करते
हैं।
मैं
अनुगृहीत हूँगा
यदि मेरे
ऐसे मित्र
जो अब
तक कृतज्ञता
व्यक्त करने के
विचार से
अनभिज्ञ थे
भी आभार
व्यक्त करने
की परम्परा
को अपना
कर इसका
लाभ उठायेंगे।
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