मित्रो!
माल और सेवाओं
का कारोबार करने
वाले तथा बीस
लाख रूपया तक
वार्षिक टर्नओवर रखने वाले
छोटे कारोबारियों की
जीएसटी से सम्बंधित
समस्या का हल
संविधान में
निहित है।
आइये जानते हैं कैसे?
संविधान के अनुच्छेद
279A के क्लाज
(4) के सब-क्लाज
(d) के अंतर्गत
जीएसटी काउन्सिल ऑफ़ इंडिया
से यह अपेक्षा
की गयी थी
वह टर्नओवर की
ऐसी अवसीमा की
संस्तुति यूनियन और राज्यों
को करेगी
जिसके नीचे माल
और सेवाओं को
माल और सेवा कर
से मुक्त रखी
जा सकेंगी। अंग्रेजी
और हिंदी में
टेक्स्ट निम्नप्रकार रहा है:
(4) The
Goods and Services Tax Council shall make recommendations to the Union and the
States on—
(d) the
threshold limit of turnover below which goods and services may be exempted from
goods and services tax;
(4)
माल और सेवा
कर परिषद् निम्नलिखित
के सम्बन्ध में
संघ और राज्यों
को सिफारिश करेगी
-
(घ)
आवर्त की वह
अवसीमा जिसके नीचे माल
और सेवाओं को
माल और सेवा
कर से छूट
प्रदान की जा
सकेगी।
विशेष रूप से
यह ध्यान देने
योग्य है की
अंग्रेजी वर्जन में शब्द
"Shall" का प्रयोग किया गया
है। इसका आशय
यह है कि
जीएसटी काउन्सिल को ऐसी
संस्तुति अनिवार्य रूप से
करनी थी।
जीएसटी काउन्सिल से इसी अनुच्छेद के अधीन आदर्श माल और
सेवा कर विधियां, एकीकृत माल और सेवा कर के उदग्रहण, विभाजन के सिद्धांत तथा वे सिद्धांत
जो प्रदाय के स्थान को शासित करते हैं; के
सम्बन्ध में भी संघ और राज्यों को सिफारिश करने की अपेक्षा की गयी थी।
Under
same article of the Constitution, the Goods and Services Tax Council was also
expected to make its recommendations to the Union and the States on—
"(c) model
Goods and Services Tax Laws, principles of levy, apportionment of Goods and
Services Tax levied on supplies in the course of inter-State trade or commerce
under article 269A and the principles that govern the place of supply;"
काउन्सिल द्वारा
दिनांक नवम्बर 25, 2016
को जारी किये
गए मॉडल जीएसटी
लॉ के प्रकाशित
ड्राफ्ट में ऐसे
व्यक्तियों जो जीएसटी
के अधीन पंजीकृत
थे अथवा जिनकी
जीएसटी में पंजीयन
लेने का दायित्व
था को कर
देने के लिए
उत्तरदायित्व प्रस्तावित किया गया।
ऐसे किसी टर्नओवर
की संस्तुति नहीं
की गयी थी
जिसके नीचे टर्नओवर
होने पर माल
और और सेवाएं
माल और सेवा
कर से मुक्त
रहनी थीं। केंद्रीय
/ राज्य माल और
सेवा कर अधिनियमों
के प्रस्तावित ड्राफ्टों
में अनुसूची V (Schedule V) का क्रमांक
(2) ऐसे व्यक्तियों से सम्बंधित थी जिनको पंजीयन नहीं लेना था। यह निम्नप्रकार रहा
था:
2. The following persons shall not be liable to
registration –
(a) any
person engaged exclusively in the business of supplying goods and/or services
that are not liable to tax or are wholly exempt from tax under this Act;
(b) an
agriculturist, for the purpose of agriculture.
इस प्रस्तावित प्राविधान में
माल और सेवाओं
के ऐसे किसी
टर्नओवर का उल्लेख
नहीं था जिसके
नीचे टर्नओवर रहने
पर पंजीयन नहीं
लेना था। विपरीत
इसके इसी अनुसूची
V के क्रमांक 6
पर उन व्यक्तियों
का उल्लेख था
जिनको अनिवार्य रूप
से पंजीयन लेना
था कितना ही
कम उनका टर्नओवर
रहा हो।
जीएसटी काउन्सिल की अंतिम
संस्तुतियाँ पार्लियामेंट में प्रस्तुत
बिल और पार्लियामेंट
द्वारा बनाये गए केंद्रीय
माल और सेवा
कर अधिनियम, 2017
के रूप में
सामने आईं हैं।
इस अधिनियम की
धारा 23 में
उन व्यक्तियों का
उल्लेख है जिन्हें
पंजीयन नहीं लेना
है। यह धारा
निम्न प्रकार है:
23. (1) निम्नलिखित व्यक्ति
रजिस्ट्रीकरण के लिए दायी नहीं होंगे, अर्थात् :--
(क) कोई व्यक्ति जो
ऐसे मालों या सेवाओं या दोनों के कारबार में अनन्य रूप से लगा हुआ है जो इस अधिनियम
के अधीन या एकीकृत माल या सेवा कर अधिनियम के अधीन कर के लिए दायी नहीं है या
कर से पूर्ण रूप से छूट प्राप्त है ;
(ख) कृषक, भूमि की खेती
की उपज की पूर्ति के विस्तार तक ।
(2) सरकार, परिषद् की सिफारिशों
पर, अधिनियम द्वारा, ऐसे व्यक्तियों का प्रवर्ग जिन्हें इस अधिनियम के
अधीन रजिस्ट्रीकरण प्राप्त करने से छूट दी जा सकती है, विनिर्दिष्ट कर सकती
है ।
23. (1) The
following persons shall not be liable to registration, namely:––
(a) any
person engaged exclusively in the business of supplying goods or services or
both that are not liable to tax or wholly exempt from tax under this Act or
under the Integrated Goods and Services Tax Act;
(b) an
agriculturist, to the extent of supply of produce out of cultivation of land.
(2) The
Government may, on the recommendations of the Council, by notification, specify
the category of persons who may be exempted from obtaining registration under
this Act.
निष्कर्ष पर
पहुँचाने से पूर्व
हमें शब्दों "threshold limit of turnover" आवर्त की अवसीमा
को समझना होगा।
threshold से अभिप्राय हिंदी भाषा
में मकान की
देहलीज, देहरी, डेवढ़ी या द्वार
जो मकान का
प्रवेश विन्दु होता है
से होता है।
अंग्रेजी में इसके
अर्थ "1. a strip of wood or stone
forming the bottom of a doorway and crossed in entering a house or room; 2. the
magnitude or intensity that must be exceeded for a certain reaction,
phenomenon, result, or condition to occur or be manifested." हैं। इसके
समानार्थक शब्द (Synonyms) "doorstep, sill, doorsill, doorway,
entrance, entry, way in, door, gate, gateway" हैं।
यदि हम एक
ऊर्ध्वाधर रेखा पर
शून्य से प्रारम्भ
कर ऊपर की
ओर 5,00,000, 10,00,000,
15,00,000, 20,00,000, 25,00,000,
30,00,000, 35,00,000, इसी तरह आगे अधिक टर्नओवर दर्शाने वाले
विन्दुओं पर निशान
लगाएं और ऐसा
टर्नओवर चुने जिसके
नीचे जीएसटी का
अस्तित्व न हो
और टर्नओवर की
ऐसी धनराशि अथवा
इससे अधिक धनराशि
के प्रत्येक टर्नओवर
पर जीएसटी का
अस्तित्व हो। मान
लें कि 25,00,000
रूपया टर्नओवर की
ऐसी धनराशि है
जिससे कम टर्नओवर
होने पर जीएसटी
अस्तित्व में नहीं
है अर्थात जिससे
कम टर्नओवर वाले
मामलों में जीएसटी
का कोई प्रभाव
नहीं है और
रूपया 25,00,000 और
इससे अधिक टर्नओवर
होने पर जीएसटी
का प्रभाव है। तब
ऐसी स्थिति में
रूपया 25,00,000 की
धनराशि संविधान के अनुच्छेद
279A के क्लाज
(4) के सबकलाज
(d) के अंतर्गत
अपेक्षित "आवर्त की अवसीमा"
या "Threshold limit of turnover"
होगी। यह सीमा
सभी कारोबारियों के
मामलों में कोई
भेद - भाव किये
बिना लागू होगी। इसका
अभिप्राय यह होगा
कि रूपया 25,00,000
से कम वार्षिक
टर्नओवर रखने वाले
कारोबारियों पर जीएसटी
के कोई प्राविधान
लागू नहीं होंगे
चाहे ऐसा कारोबारी
किसी भी प्रकार
से माल या
सेवाओं की सप्लाई
करे।
केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 22 में पंजीयन लेने
के सम्बन्ध में टर्नओवर की बीस या दस लाख रूपया का उल्लेख किया गया है वह संविधान में
अपेक्षित "threshold limit of turnover below which goods and services may
be exempted from goods and services tax" आवर्त की वह अवसीमा जिसके नीचे माल
और सेवाओं को माल और सेवा कर से छूट प्रदान की जा सकेगी, नहीं है क्योंकि धारा 24 के
अंतर्गत उल्लिखित कारोबारियों के मामले में यह लागू न करते हुए, इसके विपरीत प्राविधान
किया गया है।
ऐसा मानने का कोई कारण
नहीं है कि इस ओर जीएसटी काउन्सिल का ध्यान नहीं गया है। जीएसटी काउन्सिल की सिफारिश
पर केंद्र सरकार ने केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, की धारा 23 में दी गयी शक्ति
का प्रयोग करते हुए Notification No. 10/2017 - Integrated Tax Dated October 13,
2017 जारी कर ऐसे कारोबारियों जो सेवाओं की अंतर्राज्यीय व्यापार या वाणिज्य के दौरान
कर योग्य सप्लाई करते हैं और जिनका वार्षिक (annual) सकल टर्नओवर (aggregate
turnover) अखिल भारतीय स्तर पर 20 लाख (विशिष्ट श्रेणी के राज्यों में 10) लाख रूपए
से अधिक नहीं है को पंजीयन लेने से मुक्त कर दिया है। उल्लेखनीय है कि सकल टर्नओवर
(aggregate turnover) की परिभाषा में सभी प्रकार के माल और सेवाओं की सभी प्रकार की
सप्लाई शामिल है। मेरा मानना है कि जिन कारोबारियों का माल और सेवाओं की सप्लाई का
वार्षिक टर्नओवर 20,00,000 रूपया तक है के मामलों भी में पंजीयन न लिए जाने सम्बन्धी
विज्ञप्ति जारी की जा सकती है।
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