Showing posts with label चिन्ता. Show all posts
Showing posts with label चिन्ता. Show all posts

Thursday, August 3, 2017

चिंताओं का विनाश चिन्तन से

मित्रो !
अपने शरीर के लिए सुख - साधन जुटाना और शरीर को रोग, बुढ़ापा तथा मृत्यु से मुक्ति दिलाना अधिकांश व्यक्तियों के लिए चिन्ता तो कुछ के लिए चिन्तन का विषय बने रहे हैं। कालान्तर में चिन्तन घटा है और चिन्तायें बढ़ीं हैं। विडम्बना यह है कि मनुष्य अब तक यह नहीं समझ पाया है कि चिन्तन की लौ ही चिंताओं को भस्म कर सकती है।


Monday, September 12, 2016

कुंठा, दुःख, चिन्ता और चिता : Frustrations, Sorrows, Worries and Pyre

मित्रो !
यहाँ तक कि उन व्यक्तियों, जो "खाओ, पियो और मस्त रहो" सिद्धान्त या जीवन शैली में विश्वास रखते हैं , को भी अपने जीवन में कुंठाओं, दुखों और चिंताओं का सामना करना पड़ता है और वे भी मृत्यु से भयभीत रहते हैं। 

Friends !
                          Even those persons, who believe in "eat, drink and be merry" principle or style of life, also face encounters with frustrations, sorrows and worries in their lives and they too remain scared of death.