Saturday, August 22, 2015

नियन्त्रित जीवन की खातिर


मित्रो !

        जिन्दगी टेढ़े-मेढ़े रास्तों पर न भटक जाय इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने लिए एक आदर्श आचार संहिता का निर्धारण करना चाहिये और अपने व्यस्त जीवन से प्रति दिन कुछ क्षण निकालकर अपने द्वारा किये गए कार्य और आचरण का अनुश्रवण कर यह पता लगाते रहना चाहिए कि वह कहीं कुछ गलत तो नहीं कर रहा है। 

        सफल और सुखी जीवन जीने के लिए जीवन शैली और लक्ष्यों का निर्धारण नितान्त आवश्यक होता है। हम सही रस्ते पर जा रहे हैं अथवा नहीं, इसके सुनिश्चितीकरण के लिए हमें अपने कार्य एवं आचरण की समीक्षा किया जाना भी आवश्यक होता है। मेरे विचार से हमें प्रति दिन सोने से पहले अपने कृत्यों की समीक्षा दैनिक रूप से करते रहना चाहिये। विलम्ब से गलतियों का ज्ञान होने पर उनमें सुधार करना कठिन और कभी - कभी असम्भव हो जाता है। आचरण संहिता के निर्धारण से हमारे लिए मापदंड परिभाषित हो जाते हैं।


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