Thursday, October 6, 2016

विचारों पर नियंत्रण Control Over Thoughts

मित्रो !
Controlling Our Thoughts
Our mind is birthplace of all kinds of good and bad or useful and useless thoughts. It depends on our wisdom and decision to act upon a thought or to reject the thought.
          हमारा मन अच्छे-बुरे, उपयोगी - अनुपयोगी सभी प्रकार के विचारों की जन्मस्थली है। यह हमारे निर्णय और विवेक पर निर्भर करता है कि किस विचार पर हम कार्य करें और किस विचार को नकार दें। कुछ समय बाद मन हमारे द्वारा चयन किये जाने वाले विचारों की प्रकृति को समझ जाता है और सामान्य परिस्थितियों में हमारी आवश्यकतानुसार विचारो का सृजन करता है।
           विचारों की प्रकृति पर हमारे अंदर की त्रैगुणी प्रकृति (सतो, रजो और तमो गुणों वाली प्रकृति) और बाह्य परिदृश्यों का भी प्रभाव पड़ता है। हमारे अंदर की तीन गुणों वाली प्रकृति हमारे रहन-सहन, खान-पान और आचार-विचार से प्रभावित होती है। 
           यदि हम चाहते हैं कि हमारे मन में बुरे और अनुपयोगी विचारों के उत्पन्न होने पर अंकुश लगे तब हमें निम्नप्रकार आचरण करना चाहिए :- 
1. उत्पन्न होने वाले विचारों की बुद्धि और विवेक का प्रयोग कर उनके अच्छे-बुरे या उपयोगी-अनुपयोगी होने की समीक्षा नियमित रूप से अभ्यास के रूप में की जानी चाहिए तथा बुरे या अनुपयोगी विचारों पर कार्यवाही से बचना चाहिए। ऐसा करने से कुछ समय बाद ऐसे विचारों के उत्पन्न होने में कमी आएगी। 

2. कडुवे, तिक्त, अधिक मसालेदार, बासी और गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए। आवश्यकता से अधिक मात्रा में भोजन नहीं करना चाहिए। भोजन उचित मात्रा में समय से लेना चाहिए।

3. सादा और स्वच्छ लिबास पहनना चाहिए। वस्त्र अधिक टाइट नहीं होने चाहिए। 
4. यथा संभव अधिक से अधिक अच्छी संगति में रहना चाहिए। कुसंगति से बचना चाहिए। अच्छे साहित्य का अध्ययन करना चाहिए। 

5. कुत्सित विचारों को प्रेरित करने वाले दृश्यों, परिदृश्यों और साहित्य से बचना चाहिए। 

6. आवाज मधुर न भी हो किन्तु बोल-चाल में विनम्र भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए, अभद्र भाषा या कड़क आवाज से बचना चाहिए जब तक कि पेशे में ऐसा करना अपेक्षित न हो। 




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