Tuesday, October 31, 2017

TAX LEVY अर्थात कर का उदग्रहण क्या है?


प्रिय मित्रो!  
कर उदग्रहण की प्रक्रिया के अंतर्गत (under the process of tax levy)  विधायिका द्वारा बनाये गए कानून के अधीन, जन सामान्य के हितार्थ, कानून में कर अदायगी के लिए उत्तरदायी ठहराए गए व्यक्तियों से कानून में निर्धारित धनराशि  सरकार द्वारा अनिवार्य रूप में वसूली जाती है। 
कर लगाने का उद्देश्य राज्य का राजस्व बढ़ाने का होता है। कर किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुँचाने के लिए नहीं होता है। क़ानून के किसी ऐसे प्राविधान, जिससे किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचता हो, को वैध नहीं ठहराया जा सकता है। 
                प्रत्येक कर-विधि में तीन महत्वपूर्ण चरण होते हैं।  प्रथम चरण में टैक्स लेवी के सम्बन्ध में घोषणाएं होतीं हैं।  इसके अंदर निम्नलिखित विन्दुओं पर जानकारी मिलती है:
1. कर किस पर किस पर लगाया जायेगा यथा कर लगाने की घटना (event or happening) या विषय वस्तु ;
2. कर का आधार और कर की दर क्या होगी, कर मूल्यानुसार, आयतन के अनुसार, बजन के अनुसार, गिनती के अनुसार अथवा किस अन्य आधार के अनुसार लिया जायेगा। मूल्यानुसार कर की दर का प्रतिशत कितना होगा  या  कर आधार की प्रति इकाई कर की धनराशि कितनी होगी। इसे कर की माप भी कह सकते हैं।
3.  कर का भुगतान करने के लिए कौन व्यक्ति उत्तरदायी होगा अथवा किस व्यक्ति से कर की वसूली की जायेगी।
                कर उदग्रहण (tax levy) का दूसरा चरण कर के निर्धारण (assessment of tax) से सम्बंधित होता है तथा तीसरा चरण कर की वसूली (recovery of tax) से सम्बंधित होता है। प्रायः कर की वसूली का प्राविधान कर-विधि में ही कर दिया जाता है कि कर दाता कब-कब कितना -कितना कर स्व-मूल्यांकन के आधार पर जमा करेगा। जहां कर दाता कर की धनराशि का  भुगतान करने में चूक करता है उससे कर वसूली के लिए कर-विधि में दिए गए कर वसूली के अन्य तरीके अपनाये जाते हैं।
"A tax is a compulsory exaction of money by public authority for public purposes enforceable by law and is not payment for services rendered".
                Chatham, Honorable C.J. of High Court of Australia

       कर (Tax ) शब्द की उपर्युक्त परिभाषा को माननीय उच्चतम न्यायलय की संविधान पीठ ने अपने निर्णय  The Commissioner, Hindu Religious Endowments, Madras Vs. Sri Lakshmindra Thirtha Swamiar Of Sri Shirpur Mutt. Date Of Judgment:16/04/1954 में  सराहा और स्वीकारा है। 

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