कोई भी बच्चा भ्रष्टाचार या व्यभिचार युक्त चरित्र लेकर पैदा नहीं होता। अगर कोई बच्चा बड़ा होकर भ्रष्टाचारी या व्यभिचारी बनता है तो इसके लिए मुख्य रूप से उसको मिले संस्कार, अशिक्षा, उसको मिलने वाली संगति और परिस्थितियां जिम्मेदार होतीं हैं। मेरे विचार से इन पहलुओं पर विचार किये बिना भ्रष्टाचार और व्यभिचार मुक्त भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है। भ्रष्टाचार और व्यभिचार दोनों ही देश के विकास में वाधक हैं।
No comments:
Post a Comment