मित्रो !
यदि कोई ऐसी वस्तु, जो रख-रखाव चाहती है और उसके रख-रखाव में अथवा उपयोग करने में खर्च आता है, आप अपने किसी मित्र या किसी स्नेही जन को उपहार में देना चाहते हैं और आप चाहते हैं कि आपका ऐसा मित्र या स्नेही जन ऐसी वस्तु का स्वयं उपयोग करे तब इस बात पर विचार कर लें कि क्या आपका ऐसा मित्र या स्नेही जन उपहार में प्राप्त होने वाली वस्तु के रख-रखाव में अथवा उपयोग किये जाने की स्थिति में उपयोग करने पर आने वाले व्यय को अतिरिक्त व्यय के रूप में वहन करने में सक्षम है या नहीं। यदि ऐसा व्यक्ति अतिरिक्त व्यय वहन करने में सक्षम नहीं है तब मेरे विचार से हमें अपने मित्र या किसी स्नेही जन को ऐसी वस्तु उपहार में नहीं देनी चाहिए।
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