मित्रो !
जो व्यक्ति ईश्वर में विश्वास रखता है और जिसने यह जान लिया है कि ईश्वर एक है और वह सर्वत्र है उसके लिए ईश्वर को स्मरण करने के लिए ईश्वर के चित्रों, मूर्तियों और देवालयों की आवश्यकता नहीं रह जाती। ऐसे व्यक्ति के लिए उसका ईश्वर देखी और न देखी जा सकने वाली प्रत्येक मूर्त और अमूर्त वस्तु में होता है। हमें ऐसे व्यक्ति को ईश्वर का कोई चित्र या मूर्ति उपहार में देकर उस व्यक्ति की ईश्वर के प्रति आस्था और ज्ञान को सीमित नहीं करना चाहिए।
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