मित्रो !
आहार-विहार पर नियंत्रण अपने आप में बहुत बड़ी साधना है। आहार-विहार के अनुरूप ही हमारे मन में विचार पनपते हैं। विचारों से ही प्रेरित हुयी इन्द्रियाँ विचारों के अनुसार ही अच्छा या बुरा कार्य करतीं है। हमारे अच्छे-बुरे कार्य ही हमारे उत्थान या पतन का कारण बनते हैं।
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