मित्रो !
हमारे सामने रखी किसी वस्तु पर जब तक हमारा ध्यान (mind) केंद्रित नहीं होता तब तक वस्तु का प्रतिबिम्ब हमारी आँखों में बनने के बाबजूद भी हम वस्तु को नहीं देख पाते। क्रोध में ग्रसित व्यक्ति की बुद्धि क्रोध के कारणों पर केंद्रित होती है। ऐसी स्थिति में होने पर व्यक्ति न तो अन्य वस्तु देखता है और न ही अन्य विषय पर सोचता है। उसका ध्यान अपने हित और अहित पर भी नहीं जाता। इसी कारण कहते हैं कि क्रोध में व्यक्ति अँधा हो जाता है और उसकी आँखों पर पट्टी पडी होती है।
क्रोधित व्यक्ति को क्रोध से छुटकारा दिलाने के लिए उपाय भी यही होता है कि जिस वस्तु या कारण को लेकर कोई व्यक्ति क्रोधित है उससे उस व्यक्ति का ध्यान हटाकर किसी अन्य विषय या वस्तु पर केंद्रित कर दिया जाय।
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