Friday, March 11, 2016

Religion Is Not For Empty Bellies


मित्रो !
        भूख से अशांत व्यक्ति के लिए भोजन पहली आवश्यकता होती है। उसके लिए गौरव-गाथा, खोखली सहानुभूति, उपदेश, संगीत या मनोरंजन का कोई अर्थ नहीं होता। भूखे व्यक्ति के साथ अपना भोजन साझा करने से ही मानवता पनपती है। 
       इस बात को स्वामी विवेकानंद जी के निम्नलिखित वाक्य से समझा जा सकता है :
Religion is not for empty bellies.


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