Wednesday, March 16, 2016

पत्थर में भी ईश्वर


मित्रो !
        ईश्वर एक सोच है, एक विश्वास है। विश्वास का कोई रूप, रंग और आकार नहीं होता। विश्वास के अनुसार वह सर्वत्र विद्यमान है। उसके इसी गुण के कारण उसका एहसास किसी भी जड़ या चेतन में किया जा सकता है।



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