मित्रो !
निराशा, चिंता या तनाव से ग्रसित होने पर हमारा मष्तिष्क सामान्य स्थिति में कार्य नहीं करता और इस कारण हम कोई कार्य सुचारू रूप से नहीं कर पाते। इनसे स्वास्थ्य हानि भी होती है। इनसे जितनी जल्दी छुटकारा पा लिया जाय उतना ही स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
जो लोग ईश्वर में आस्था रखते हैं उनको निराशा, तनाव और चिन्ताएं नहीं सतातीं। आस्थावान व्यक्ति निराशा, चिंता या तनाव से ग्रस्त होने पर ईश्वर को याद कर यह सोच कर कि ईश्वर सब ठीक करेगा निश्चिन्त हो जाता है। ऐसा होने पर वह निराशा, चिंता और तनाव से मुक्त हो जाता है।
जो लोग ईश्वर में आस्था रखते हैं उनको निराशा, तनाव और चिन्ताएं नहीं सतातीं। आस्थावान व्यक्ति निराशा, चिंता या तनाव से ग्रस्त होने पर ईश्वर को याद कर यह सोच कर कि ईश्वर सब ठीक करेगा निश्चिन्त हो जाता है। ऐसा होने पर वह निराशा, चिंता और तनाव से मुक्त हो जाता है।
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