Friday, May 5, 2017

केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017

Liable for Registration : पर कब से?
मित्रो !
     मेरे विचार से धारा 18 की उपधारा (1), के क्लॉज (a), धारा 22 की उपधारा (1) और धारा 40 के प्राविधानों में खामियां हैं। इन खामियों के चलते व्यावहारिक कठिनाई के साथ-साथ राजस्व हित प्रतिकूल रूप में प्रभावित होने की संभावना है। 
    धारा 40 में प्रयोग की गयी भाषा को लेकर मैंने कठिनाई की ओर आपका ध्यान अपने पूर्व आर्टिकल में आकर्षित किया था। यहां पर हम धारा 18 की उपधारा (1) के क्लॉज (a), धारा 22 की उपधारा (1) और धारा 40 का एक साथ अध्ययन कर टिपण्णी प्रस्तुत कर रहे हैं। धारा 22 की उपधारा (1) निम्नप्रकार है:
22. (1) Every supplier shall be liable to be registered under this Act in the State or Union territory, other than special category States, from where he makes a taxable supply of goods or services or both, if his aggregate turnover in a financial year exceeds twenty lakh  rupees:
                Provided that where such person makes taxable supplies of goods or services or both from any of the special category States, he shall be liable to be registered if his aggregate turnover in a financial year exceeds ten lakh rupees.
    यहां पर हम एक कारोबारी का उदहारण लेते हैं। कारोबारी का वित्तीय वर्ष 2017-2018 में माल और सेवाओं की सप्लाई का टर्नओवर 20 लाख रूपया से कम रहता है। अगले वित्तीय वर्ष 2018-2019 में माल और सेवाओं की सप्लाई का टर्नओवर 18 अगस्त 2018 तक 18,00,000.00 रूपया हो जाता है। अगले दिन 19 अगस्त 2018 को  दोपहर के 1.00 बजे तक 19,00,000.00 रूपया हो जाता है। अगली सप्लाई 1 बजकर 30 मिनट पर 1,50,000.00 रूपया की होती है जिसके कारण उसका एग्रीगेट टर्नओवर 20,00,000.00 से अधिक 20,50,000.00 हो जाता है। मेरा प्रश्न यह है कि कारोबारी किस तिथि और किस समय से liable for registration माना जायेगा :
1. वित्तीय वर्ष 2018-2019 के प्रारम्भ से; अथवा
2.अगले वित्तीय वर्ष 2019-2020 के प्रारम्भ से; अथवा
3. 19 अगस्त 2018 के प्रारम्भ से; अथवा
4. अगले दिन दिनांक 20 अगस्त 2018 के प्रारम्भ से; अथवा
5. 19 अगस्त 2018 को दोपहर 1.00 बजे से; अथवा
6. 19 अगस्त 2018 को 1 बज कर 30 मिनट से; अथवा
7. किसी अन्य समय से  
     यह विचारणीय है सीजीएसटी में करयोग्य व्यक्ति वह व्यक्ति माना गया है जो रजिस्ट्रेशन का दायी है (is liable for registration) या जो रजिस्टर्ड है। अतः करदेयता भी liable for registration होने से सम्बद्ध है।
    ध्यान देने योग्य है कि यू0 पी० ट्रेड टैक्स में ऐसा ही प्राविधान था। उसमें जिस कर निर्धारण वर्ष में 3,00,000.00 रूपया से टर्नओवर अधिक हो जाता था, उसे कर निर्धारण वर्ष की सभी टर्नओवर पर कर देना होता था भले ही टर्नओवर 3,00,000.00 रूपया से अधिक कर निर्धारण वर्ष के अंतिम दिन हुआ हो। टर्नओवर 3,00,000.00 रूपया से जिस तिथि को अधिक होता था उसके 30 दिन के अन्दर रजिस्ट्रेशन के लिए प्रार्थना - पत्र देना होता था। सेल्स टैक्स पीरियड में भी ऐसा ही रहा था। परन्तु यहां जीएसटी में ऐसा नहीं है। इसका पता धारा 40 से चलता है। इस धारा में प्रथम रिटर्न (First Return) में सप्लाइज liable for registration होने और date on which registration is granted के मध्य की ली जानी हैं, पूर्व अवधि के टर्नओवर पर टेक्स  देने की जरूरत नहीं है। धारा 40 निम्नप्रकार है :-
40. Every registered person who has made outward supplies in the period between the date on which he became liable to registration till the date on which registration has been granted shall declare the same in the first return furnished by him after grant of registration.

धारा 18 की उपधारा (1) का खंड (a) निम्नप्रकार है:

18. Availability of credit in special circumstances.-
 (1) Subject to such conditions and restrictions as may be prescribed—
(a) a person who has applied for registration under this Act within thirty days from the date on which he becomes liable to registration and has been granted such registration shall be entitled to take credit of input tax in respect of inputs held in stock and inputs contained in semi-finished or finished goods held in stock on the day immediately preceding the date from which he becomes liable to pay tax under the provisions of this Act;

     इसमें प्राविधान किया गया है की कारोबारी जिस दिन से liable to pay tax (liable for registration) होगा उस दिन के ठीक पूर्व के दिन स्टॉक में रहे माल के सम्बन्ध में इनपुट टैक्स क्रेडिट दिया जायेगा। ऐसी स्थिति में मेरे द्वारा इस आर्टिकल के प्रारम्भ में दिए गए उदहारण में कारोबारी 19 अगस्त 2018 को liable for registration (liable for payment of tax) हो जायेगा। ऐसी स्थिति में 18 अगस्त 2018 को अवशेष स्टॉक पर इनपुट टैक्स क्रेडिट ले सकेगा। अब अगर 19 अगस्त 2018 को की गयी सप्लाई पर कर नहीं लगाया जाता है अर्थात प्रथम रिटर्न (First Return) में 20 अगस्त 2018 और इसके बाद में पंजीयन मिलने तक की अवधि में की गयी सप्लाई की ही घोषणा की जाती है तब:
19 अगस्त 2018 को सप्लाई किये गए माल पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलेगा और ऐसे माल की सप्लाई पर कर नहीं देना होगा। यह स्थिति विषम होगी और इसमें राजस्व हानि होगी। अगर ऐसा हुआ तब कर अपवंचन के उद्देश्य से कुछ अगले दिन में होने वाली सप्लाई भी 18 अगस्त 2018 में ही दिखा दी जाएगी।
     प्राविधान के अनुसार कारोबारी उसे समय तक पंजीयन के लिए दायी (liable for registration) नहीं होगा जब तक उसकी सप्लाई का टर्नओवर 20 लाख रूपया या उससे कम रहता है।
     मेरे विचार से धारा 18 की उपधारा (1), के क्लॉज (a), धारा 22 की उपधारा (1) और धारा 40 के प्राविधानों में खामियां हैं। इन खामियों के चलते व्यावहारिक कठिनाई के साथ-साथ राजस्व हित प्रतिकूल रूप में प्रभावित होने की संभावना है।  




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