Tuesday, May 2, 2017

जीएसटी में रजिस्ट्रेशन का दायित्व Liability of Registration in GST

मित्रो
        संविधान के अनुच्छेद 279A में कतिपय अन्य प्राविधानों के अतिरिक्त निम्नलिखित स्पष्ट प्राविधान किया गया है:
"The Goods and Services Tax Council shall make recommendations to the Union and the States on the threshold limit of turnover below which goods and services may be exempted from goods and services tax;"
                इसी के साथ जीएसटी काउन्सिल को जीएसटी कानून के मॉडल ड्राफ्ट तैयार कर यूनियन और राज्यों को संस्तुत किये जाने का प्राविधान किया गया है। सेन्ट्रल जीएसटी एक्ट, 2017 के अवलोकन पर प्रकाश में आता है कि इस एक्ट में ऐसा कोई प्राविधान नहीं किया गया है।
            सेन्ट्रल जीएसटी एक्ट की धारा 22 की उपधारा (1) में यह तो प्राविधान किया गया है कि स्पेशल केटेगरी स्टेट्स के मामले में वित्तीय वर्ष में 10 लाख से अधिक और अन्य राज्यों के मामले में वित्तीय वर्ष में 20 लाख रूपया से अधिक एग्रीगेट टर्नओवर होने पर व्यक्ति रजिस्ट्रेशन के लिए दायी (liable to registration) होगा किन्तु यह नहीं दिया गया है कि ऐसा व्यक्ति किस तिथि और किस समय पर रजिस्ट्रेशन के लिये दायी होगा। जिस स्वरुप में प्राविधान बनाया गया है उस स्वरुप में प्राविधान उन मामलों में बनाया जाता है जिनमें वर्ष भर के सम्पूर्ण टर्नओवर पर कर बसूले जाने का उद्देश्य होता है। इस सन्दर्भ में यह महत्वहीन होता है की व्यक्ति वर्ष में किस तिथि को करयोग्य व्यक्तियों की श्रेणी में आता है। किन्तु यहां ऐसा नहीं है। धारा 40 (जिसमें प्रथम रिटर्न दाखिल करने का प्राविधान किया गया है)  से प्रकाश में आता है कि ऐसे व्यक्ति से सम्पूर्ण वित्तीय वर्ष के टर्नओवर पर कर नहीं लिया जाना है।
            जीएसटी एक्ट की धारा 22 की उपधारा (2) में ऐसे सभी व्यक्तियों को रजिस्ट्रेशन लेने का दायी (liable) बनाया गया है जिन्हें किसी पूर्ववर्ती अधिनियम में रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस प्राप्त रहा था। इनमे बड़ी संख्या में कारोबारियों का  10 लाख (स्पेशल केटेगरी स्टेट्स) या 20 लाख रूपया (अन्य राज्य) से कहीं कम ( 5 लाख से 20 लाख के मध्य ) वार्षिक टर्नओवर रहा था। ऐसे व्यक्ति जीएसटी लागू होने की तिथि (appointed day) से ही रजिस्ट्रेशन के लिए दायी (लिजबले) माने गए हैं। वहीँ पर ऐसे व्यक्तियों जो पूर्व से व्यापार करते चले रहे हैं और उनका वार्षिक टर्नओवर स्पेशल केटेगरी स्टेट्स में 10 लाख और अन्य स्टेट्स में 20 लाख रूपया से अधिक रहा है किन्तु जिन्होंने किसी पूर्ववर्ती अधिनियम में पंजीयन या लाइसेंस नहीं ले रखा है उनकी जीएसटी में जीएसटी लागू होने की तिथि से रजिस्ट्रेशन के लिए liable  नहीं बनाया गया है।
            जीएसटी एक्ट वित्तीय वर्ष 2017-2018 के बीच की किसी तिथि से प्रभावी होगा। ऐसी स्थिति में 10 लाख या 20 लाख की गणना किस तिथि से की जाएगी का प्राविधान नहीं किया गया है। निश्चित रूप से ऐसे टर्नओवर की गणना जीएसटी एक्ट लागू होने की तिथि के बजाय वित्तीय वर्ष 2017-2018 के प्रारम्भ होने से की जाएगी।
            रजिस्टर्ड व्यक्ति का व्यापार जारी रहते हुए भी व्यापार में कोई परिवर्तन हुए बिना  भी रजिस्ट्रेशन किसी अन्य डिफाल्ट की बजह से रद्द हो सकता है।  ऐसी स्थिति में व्यक्ति रजिस्टर्ड नहीं रह जायेगा किन्तु उसकी रजिस्ट्रेशन लेने की जिम्मेदारी बनी रहनी चाहिए अन्यथा उससे रजिस्ट्रेशन रद्द रहने की अवधि का कर नहीं लिया जा सकेगा। अतः निम्नलिखित प्रकृति का कोई प्राविधान किया जाना आवश्यक है।
Once a person becomes liable for registration, it will continue to be so liable unless -
(i) it discontinues the business; or
(ii) business is fully transferred for any reason including death of the proprietor; or
(iii) business is amalgamated with other legal entity, demerged or otherwise disposed of; or
(b) it affects any change in the constitution of the business; or
(c) the person, other than the person registered under sub-section (3) of section 25, ceases to be liable for registration in view of the provisions of section 22 or section 24.

    मेरा आपसे प्रश्न यह है कि सेन्ट्रल जीएसटी एक्ट की धारा २२ में किये गए प्राविधान क्या उचित और पर्याप्त हैं।


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