मित्रो !
एक सरल और सीधा - सादा जीवन हो। जीवन में ईश्वर हो, नियम हो, संयम हो, दया, प्रेम और परमार्थ हो। न लोभ हो और न लालच ही, न क्रोध हो न वासना ही, न चिंता हो और न भय ही। अपना कर्म करें हम, ज्ञान का विस्तार हो। गृहस्थ जीवन में यही अपेक्षित है।
सच्चा गृहस्थ जीवन सचमुच एक तपस्या है।
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