केंद्रीय माल और सेवाकर अधिनियम, 2017
धारा 9 की उपधारा (1)
किसी भी कर अधिनियम में निम्नलिखित तीन विन्दुओं पर प्राविधान होने आवश्यक होते हैं:
1. Declaration of tax levy;
2. Assessment of Tax; and
3. Payment or recovery of tax.
कोई भी कर अधिनियम जिसमें उपर्युक्त तीन विन्दुओं पर प्राविधान नहीं हैं तब वह अधिनियम अपूर्ण होगा और ऐसा होने पर कर की लेवी अवैध होगी।
अप्रत्यक्ष करों के मामले में कर लेवी की घोषणा से सम्बंधित प्राविधान में सामान्यतः निम्न लिखित विन्दुओं पर घोषणाएं की जातीं हैं :
१. टैक्स किस घटना (incidence) या एक्टिविटी पर लेवी किया जायेगा ;
२. कर किस आधार पर (किस हिसाब से) लगाया जायेगा;
३. कर का भुगतान किस प्रकार किया जायेगा;
४. कर का भुगतान किसके द्वारा किया जायेगा;
५. कर निर्धारण की अवधि क्या होगी (period of assessment or levy of tax)।
कर अधिनियम में उपर्युक्त सभी विन्दुओं पर घोषणाएं सामान्यतः एक ही धारा (section) के अंतर्गत की जातीं हैं किन्तु ऐसा करना आवश्यक नहीं है। ऐसी घोषणाएं भिन्न-भिन्न धाराओं में भी की जा सकतीं है। जहां घोषणाएं भिन्न-भिन्न धाराओं में की जातीं हैं वहां पर tax levy से सम्बंधित मुख्य धारा में प्रारम्भ में शब्द "Subject to other provision of the Act," जोड़ दिए जाते हैं।
शब्द "prescribed" की परिभाषा यदि अधिनियम में नहीं दी गयी है तब इसका आशय अधिनियम के अनतर्गत बनाये गए नियमों में जैसा निर्धारित किया गया है से होता है। इस आशय का प्राविधान General Clauses Act में किया गया है। भारत सरकार और भिभिन्न राज्यों के General Clauses Act अलग-अलग हैं।
अब हम केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में tax levy की घोषणा से सम्बंधित मुख्य प्राविधान पर विचार करते हैं। इस अधिनियम की धारा 9 (Levy and collection) की उपधारा (1) निम्नप्रकार है:
(1) Subject to the provisions of sub-section (2),
there shall be levied a tax called the central goods and services tax on all
intra-State supplies of goods or services or both, except on the supply of
alcoholic liquor for human consumption, on the value determined under section
15 and at such rates, not exceeding twenty per cent., as may be notified by the
Government on the recommendations of the Council and collected in such manner
as may be prescribed and shall be paid by the taxable person.
यहां पर हम देखते हैं कि सभी intra-State
supplies of goods or services or both टैक्स लेवी का इन्सीडेन्स घोषत किया गया है, सप्लाई के मूल्य पर ऐसी प्रतिशत दरों जो विज्ञप्ति द्वारा निर्धारित की जांय के अनुसार कर लगाए जाने का प्राविधान किया गया है, कर की बसूली नियमों में निर्धारित तरीके से करने की घोषणा की गयी है और करयोग्य व्यक्ति द्वारा कर भुगतान किये जाने की घोषणा की गयी है।
अधिनियम के अन्य प्राविधानों पर विचार करें तब हम पाते हैं कि:
धारा 9 की उपधारा
(1) में किये गए जीएसटी लेवी के सम्मान्य प्राविधान हैं। इसके अतिरिक्त धारा 10 में
कतिपय शर्तों को पूरा करने पर कम्पाउण्ड लेवी के अंतर्गत कर लगाने का विशिष्ट प्राविधान
किया गया है। इसका सन्दर्भ धारा 9 की उपधारा (1) में नहीं किया गया है जब कि धारा
9 की उपधारा (1) में tax on all
intra-State supplies का उल्लेख किया गया है। दूसरे यह कि all supplies में करमुक्त
सप्लाइज भी शामिल होतीं है। अधिनियम में कर जमा करने और कर बसूलने के लिए भी विशिष्ट प्राविधान किये गए हैं जबकि उपधारा के अंदर केवल नियमों में निर्धारित किये जाने वाले तरीकों का उल्लेख किया गया है। कर निर्धारण प्रत्येक वित्तीय वर्ष का होगा जबकि इसकी घोषणा नहीं की गयी है। अधिनियम के अन्य प्राविधानों से जानकारी में आता है कि किसी व्यक्ति द्वारा उसके liable for
registration (रजिस्ट्रेशन के लिए दायी) होने पर जो सप्लाई की जाएगी अथवा रजिस्ट्रीकृत व्यक्ति होने की क्षमता में की जाएगी उसी सप्लाई पर कर देना होगा। किन्तु धारा 9 की उपधारा (1) से इसका कोई आभाष नहीं मिलता
है। मेरे विचार से धारा (9) की उपधारा निम्नप्रकार होनी चाहिए:
9. (1) Subject to the
other provisions contained in this Act, for each financial year, there shall be
levied a tax called the central goods and services tax on all intra-State supplies,
of goods or services or both, effected by a person in the capacity of a taxable person, except on
the supply of alcoholic liquor for human consumption, on the value determined
under section 15 and at such rates, not exceeding twenty per cent., as may be
notified by the Government on the recommendations of the Council and tax so
levied shall be collected from and be paid by such taxable person in the manner
provided or in such manner as may be prescribed.
Composition levy का उल्लेख उपधारा के नीचे एक प्रतिबंधात्मक खंड (proviso) निम्नप्रकार जोड़कर अलग से भी किया जा सकता है।
Provided that
where a taxable person opts for payment of tax under composition levy, provided
in section 10 and satisfies the conditions provided therein and such other
conditions as may be prescribed or notified, tax shall be levied in accordance
with provisions of that section.
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