Wednesday, February 22, 2017

केवल उपयोगी कर्म ही करें

मित्रो !
          कोई भी व्यक्ति किसी भी क्षण कर्म किये बिना नहीं रह सकता।  खाली बैठा मनुष्य भी खाली बैठने का कर्मसोता हुआ मनुष्य सोने का कर्म, सोचता हुआ मनुष्य सोचने का कर्म कर रहा होता है। ऐसे में विचारणीय यह हो जाता है कि जब कर्म करना ही है तब व्यर्थ के कर्मों को छोड़कर केवल उपयोगी कर्म ही क्यों न किये जांय।

         जिस समय विश्राम करना उपयोगी है, विश्राम करो, विश्राम करना भी एक कर्म है।
  

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