Friends !
For three reasons, it is wrong to assume that God inspires us to do a sinful act, firstly, because by definition, God has no such quality within Him, secondly, because a person acts under the inspiration of its own nature and thirdly, because the person is free to act and to choose the act to be performed by him.
मित्रो !
ईश्वर को मानने वाले अधिकांश व्यक्ति यह मानते हैं कि ईश्वर की मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता। यदि इसे सही मान लें तब प्रश्न यह उठता है कि क्या हमारे पाप कर्म करने में ईश्वर की सहमति या मर्जी होती है? मेरे विचार से ऐसा मान लेना पूर्णतः गलत है।
ऐसा मान लेना तीन कारणों से उचित नहीं है, पहला यह कि पाप कर्म करने के लिए प्रेरित करने या सहमति देने वाला ईश्वर नहीं हो सकता, दूसरे यह कि मनुष्य अपनी प्रकृति से प्रेरित हुआ कर्म करता है और तीसरे यह कि मनुष्य कर्म करने और किये जाने वाले कर्म का चयन करने के लिए स्वतंत्र है।
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