Tuesday, September 13, 2016

ज्ञान का अनन्य स्त्रोत श्रीमद भगवद गीता : The Infinite Source of Knowledge, Shrimad Bhagvad Gita

मित्रो !

     जब आप सभी ओर से निराशा, हताशा, तनाव, चिंता, दुःख, भय, अज्ञान से घिरे हुए हों तब गीता का ज्ञान आपको इनसे छुटकारा दिलाता है। गीता में केवल जन्म-मृत्यु के बंधनों से छुटकारा दिलाने से सम्बंधित दिव्य ज्ञान ही नहीं अपितु इसमें साधारण मनुष्यों के व्यावहारिक जीवन में आने वाली कठिनाइयों और कष्टों  से छुटकारा दिलाने के लिए भी सम्पूर्ण ज्ञान उपलब्ध है।  
    
     सत्य और ज्ञान किसी भी धर्म से ऊपर उठकर होते हैं। किसी धर्म विशेष का अनुशरण करने वाले किसी परिवार में जन्मे व्यक्ति द्वारा दिया गया ज्ञान किसी अन्य धर्म के अनुयायी के लिए अज्ञान नहीं हो जाता और न ही किसी ज्ञान की महत्ता इस कारण से कम हो जाती है कि उसको देने वाला किसी दूसरे धर्म में अवतरित हुआ था। यदि सत्य इसके विपरीत रहा होता  तब अब तक हुयी वैज्ञानिक खोजों का लाभ सभी को सुलभ हो पाना संभव नहीं रहा होता। 

    Whenever you find yourself surrounded by disappointment, frustration, stress, anxiety, sorrow, fear, ignorance then the Gita can help you in restoring your self. The Gita not only has the highest category of knowledge for getting rid of bondage of birth and death, but it also has the the knowledge to relieve a common man of his sufferings and pains in his practical life.

     Truth and knowledge are independent of a religion. They are above all religions. Any knowledge, for a person following a particular religion, given by a person following another religion, does not become ignorance (agyaaan) nor importance of any knowledge diminishes because it was revealed by a person who was born in a family following any other religion. Had the truth been otherwise, then benefit of scientific researches could not have been available to people of all religions.


   

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