Thursday, January 5, 2017

चिंतन हमारा परम हितैषी


मित्रो !
व्यक्तिगत मामलों में मनुष्य स्वयं के चिंतन से ही सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त कर सकता है क्योंकि किसी व्यक्ति के विषय में कोई अन्य व्यक्ति इतनी जानकारी नहीं रखता जितनी जानकारी ऐसा व्यक्ति स्वयं अपने बारे में रखता है।


संसार में आपका इतना बड़ा हितैषी कोई नहीं हो सकता, जितने बड़े हितैषी आप स्वयं हो सकते हैं। यदि आप जीवन में सदमार्ग पर बने रहना चाहते हैं तब आपने जो कुछ किया है और आप जो कुछ करने जा रहे हैं पर नियमित रूप से चिंतन करने की आदत डालें।

मेरा सुझाव है कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन पांच मिनट का समय निकल कर अपने द्वारा किये गए कार्यों का नियमित रूप से अनुश्रवण और उनके सही या गलत होने का विश्लेषण करना चाहिए। छात्रों को उनके द्वारा पिछले 24 घंटे में प्राप्त किये गये ज्ञान का अनुश्रवण भी करना चाहिये। इससे उनकी स्मरणशक्ति (memory) बढ़ेगी। इस कार्य के लिए रात को सोने से पूर्व का 5 मिनट का समय उपयुक्त हो सकता है।


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