मित्रो !
आपके आराध्य कोई भी हों, आप उनका स्मरण किसी भी वस्तु में कर सकते हैं क्योंकि ईश्वर सर्वत्र विद्यमान है। ऐसे में यदि आप खाली समय में आनन्द लेना चाहते हैं तो आँखें बन्द कीजिये और धीमी गति से लगातार गुनगुनाइए -
श्री राम जय राम, जय - जय राम।
जय श्री राम, जय श्री राम।।
श्री राम जय राम, जय - जय राम।
जय श्री राम, जय श्री राम।।
श्री राम जय राम - - -
इससे आपके अंदर आनंद की अनुभूति होगी। गुनगुनाते हुए आप अपने आराध्य का स्मरण भी कर सकते है।
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