Wednesday, March 8, 2017

कहीं हम दोहरा चरित्र तो नहीं जी रहे

मित्रो !
     जब कभी कोई सोशल मीडिया या कहीं और माता-पिता का सम्मान करने करने, उन्हें कोई दुःख न पहुँचाने की बात करता है तब हम सभी इसकी सराहना करते हैं किन्तु उनमें से अनेक लोग होंगे जो अपने व्यावहारिक जीवन में इससे अनजान बने रहकर इसके विपरीत आचरण करते हैं। एक ही विचार की सराहना और उपेक्षा हमारा दोहरा चरित्र नहीं तो और क्या है।

     हमें चाहिए कि हम अच्छी बातों पर मनन कर अपने चरित्र का विश्लेषण करें और उन्हें व्यावहारिक जीवन में अपनाएं।


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