मित्रो !
ज्ञान और कर्म अनमोल ही नहीं जीवन के लिए अपरिहार्य भी हैं। इनके बिना जीवन में न तो कोई सृजनात्मक कार्य हो सकता है और न ही जीवन को गति मिल सकती है। ज्ञान ही हमें विभिन्न कर्मों के परिणाम, उद्देश्य पूर्ति हेतु उचित कर्म, कर्म करने के लिए आवश्यकताओं और कर्म करने की पद्यति के विषय में बताता है। अतः ज्ञान के बिना कर्म कर पाना संभव नहीं है। ज्ञान और कर्म के बिना जीवन निर्बाह भी सम्भव नहीं है। ज्ञान और कर्म दोनों ही वन्दनीय एवं पूजनीय हैं।
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