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Wednesday, April 29, 2015
स्थायी और अस्थायी ख़ुशी
मित्रो !
आत्म सन्तोष के रूप में मिलने वाली ख़ुशी स्थायी और वास्तविक ख़ुशी होती है। इसे कोई साझा नहीं कर सकता। इस कारण इसका क्षय नहीं होता। अन्य प्रकार की ख़ुशी अस्थायी ख़ुशी होती है जो मिलते ही छलक जाती है।
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