मित्रो !
कितनी विडम्बना है कि जब कोई बाहरी व्यक्ति हमारे आपसी मतभेदों की बात करता है तब हम उसे हम यह कहकर चुप रहने को कहते हैं कि यह हमारा आन्तरिक मामला है किन्तु जब हम स्वयं अपने परिवार के किसी सदस्य को दूसरे के सामने निर्वस्त्र करते हैं तब हम भूल जाते हैं कि यह हमारा आन्तरिक मामला है।
जरूरत इस बात की है कि हम अपने पड़ोसी के साथ आपसी सहयोग की बात करें, अपने परिवार के मतभेदों को नजरअंदाज करें।
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