मित्रो !
राजकीय सेवा काल में मेरी एक ऐसे समकक्ष अधिकारी से मुलाकात हुयी जिसका मानना था कि अपने बॉस की मक्खनबाजी का पुराना तरीका अनुपयोगी हो गया है। उनके अनुसार बॉस की मक्खनबाजी करने वाला व्यक्ति पहला व्यक्ति नहीं रहा होता है, उससे पहले भी उसी बॉस की मख्खनबाजी अनेक लोग कर चुके होते हैं और इस कारण बॉस के ऊपर मक्खन की अनेक परतें चढ़ीं होतीं है। अगर उनके ऊपर अपने मक्खन की पर्त चढ़ाने की कोशिश करोगे तो आपके मक्खन की परत ढह जाएगी। उनकी राय के अनुसार पहले से मक्खन की चढ़ी परतों को ठीक से साफ़ करो ताकि पहले मक्खन की विद्यमान परतें हट जांय फिर अपनी मक्खनबाजी की हल्की परत लगाओ। इसके बाद आपके पूर्वाधिकारी की तुलना में आपके द्वारा किया गया-गुजरा कार्य भी आपके बॉस को उत्कृष्ट लगने लगेगा।
अब यह लग रहा है कि मेरे समकक्ष अधिकारी द्वारा मक्खनबाजी का बताया गया तरीका सर्वत्र प्रचलित एक सारभौमिक सत्य है। ऊपर वाले नीचे वालों को खुश करने के लिए और नीचे वाले ऊपर बालों को खुश करने के लिए यह तरीका निर्बाध रूप से अपना रहे हैं।
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