मित्रो !
शरीर छोड़ने की प्रक्रिया में जीवात्मा अत्यंत शूक्ष्म न के बराबर समय लेती है। मृत्यु कोई कष्ट नहीं देती। रोग, दुर्घटना या पीड़ा से होने वाले कष्ट मृत्यु पूर्व के होते हैं। जीवन, जड़ और चेतन के प्रति हमारा मोह तथा ऐसे मोह से उत्पन्न चिंतायें मृत्यु से भय के कारण बनते हैं।
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