मित्रो !
जब कोई अपने प्रियजन के दिवंगत होने पर शोक में डूबा होता है तब यह विशुध्द ज्ञान कि जो आया है उसका एक दिन जाना निश्चित है, हर किसी को एक न एक दिन जाना है, ऐसे में शोक करना व्यर्थ है, ही होता है जो सांत्वना प्रदान करता है और दुःख को कम करता है।
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