Saturday, August 22, 2015

विश्वास और विवेक की ठगी


मित्रो !

        आजकल हमारे देश में जनता के साथ ठगी करने वाले कुछ लोग खूब फल-फूल रहे हैं। ऐसे लोग अपने परिवार के सदस्यों, परिचितों अथवा किराये के सेवादारों के समर्थन और तकनीक का सहारा लेकर अपने मायाजाल में भोले-भाले लोगों को फंसाकर उनके विश्वास, विवेक और धन का हरण कर अपने हित साध रहे हैं।
         ऐसे लोग भोली-भाली जनता के बीच अपने समर्थक बैठा देते हैं। ऐसे समर्थक उनकी हाँ में हाँ मिलाकर और उनकी महिमा का मिथ्या गुणगान कर जनता को भ्रमित कर देते हैं। भोली-भाली जनता उनके मायाजाल में फंस जाती है और उन्हें अपना विश्वास दे बैठती है, और फिर ऐसी ठगी करने वाले लोग जनता को अपनी उँगलियों पर नचाते रहते हैं। अगर कोई कभी विरोध की आवाज उठाने का प्रयास करता है तब ठगी करने वाले के समर्थक इतना शोर-सराबा कर देते हैं कि विरोध करने वाले की आवाज नक्कार खाने में तूती की आवाज की तरह दब कर रह जाती है।


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