मित्रो !
शरीर या उसके अंगों को अत्यधिक विश्राम देने की आदत डाल लेने पर शरीर के जोड़ जकड जाते हैं और मांस पेशियाँ शिथिल पड़ जातीं हैं। ऐसी स्थिति में शरीर के अंगों की गति में बाधा आने लगती है और शरीर अनेक प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जाता है।
हमें चाहिए कि हम शरीर और उसके हिस्सों को आवश्यकतानुसार ही विश्राम दें। शरीर के अंगों को क्रियाशील बनाए रखें। हमें ध्यान रखना चाहिए कि अस्वस्थ शरीर के रहते हम किसी सुख का अनुभव भी नहीं कर सकते, हमारी अन्य लोगों पर निर्भरता बढ़ जाती है और हम दूसरे लोगों की दया पर जीवन गुजारने को विवश हो जाते हैं। ऐसी स्थिति आये इससे पहले हमारे संभल जाने में ही बुद्धिमानी है।
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