मित्रो !
ईश्वर के प्रति श्रद्धा और भक्ति में डूबा हुआ मनुष्य ईश्वर के साथ प्रेम में बंध जाता है। नश्वर प्रेम में पुरुष स्त्री को और स्त्री पुरुष को अप्रिय लगने वाला कोई कार्य नहीं करते। किन्तु बिडम्बना यह है कि मनुष्य का ईश्वर के साथ अमर प्रेम होने पर भी वह ईश्वर को अप्रिय अनेक कार्य करता रहता है।
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