मित्रो !
दूरदर्शिता के अभाव में दूरगामी परिणामों की परवाह किये बिना हम केवल निकट भविष्य की परिस्थितयों को देखकर ही कार्य करने का निर्णय ले लेते हैं। हमारा ऐसा आचरण अनेक मामलों में हमारी असफलता का कारण बनता है।
मनुष्य को चाहिए कि वह प्रत्येक मामले में समग्र परिस्थितयों और संभावित सभी परिणामों पर विचार कर किसी भी कार्य को करने या न करने का निर्णय ले। ऐसा करने से सफलता के अवसर बढ़ेंगे, उसकी मानसिकता बदलेगी और वह अनेक अप्रिय कार्य तथा अनुचित आचरण करने से बच जायेगा।
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