Tuesday, May 17, 2016

कम या अधिक संतानें पैदा करने से - किसी का धर्म तो नहीं छिन जाता

मित्रो !
     भले ही किसी धर्म में अधिक संख्या में बच्चे पैदा करने की बात कही गयी हो, पर मैंने नहीं देखा कि किसी भी धर्म के किसी ऐसे अनुयायी दंपत्ति, जिसने कम संख्या में बच्चे पैदा किये हों, को धर्म और समाज से इसी आधार पर बहिष्कृत कर दिया गया हो अथवा कम बच्चे पैदा करने के कारण उस पर कोई आसमानी आफत टूट पड़ी हो।

     उलटे जिन लोगों ने कम बच्चे पैदा किये हैं, वह उन लोगों से हर मायने में बेहतर जिंदगी जी रहे हैं जिन्होंने अधिक संख्या में बच्चे पैदा किये हैं। जिन्होंने संतानों के मामले में अपना परिवार सीमित रखा है उनकी खुशहाली और तरक्की हुयी है, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़े हैं, वहीँ पर जिन्होंने अधिक बच्चे पैदा करने की नीति अपनाई है, पीढ़ी दर पीढ़ी संसाधनों के बंटने से कमजोर होते चले गए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ गए हैं और उन्हें बेरोजगारी की समस्या से जूझना पड़ रहा है।



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