स्वस्थ और विकसित मस्तिष्क
गलत निर्णय क्यों लेता है?
मित्रो / Friends!
In the human body, mind (mind) is the birth
place of desires. Desires continuously take birth inside the mind. The decision
of acting upon a desire and of ignoring a desire is taken by the intellect of a
man. Some desires, especially lust, is so strong that if a person's soul does
not wake up or does not provide guidance to the intellect, then the person's
intellect takes a wrong decision.
Vasanaa, or lust, not only appears in form
of strong sexual desire but it also manifests itself in form of strong urge for
money or other worldly things, cravings for prestige, post or power, etc. When
the lust succeeds in influencing the brain, the brain, in absence of any
guidance from the soul, takes wrong decisions.
मानव शरीर में मन (mind) इच्छाओं का जन्म स्थल
होता है। इसमें लगातार इच्छाएं जन्म लेतीं रहतीं हैं। किस इच्छा पर क्या कार्यवाही
की जानी है और किन इच्छाओं पर कार्यवाही नहीं करनी है इसका निर्णय मनुष्य की बुद्धि
(intellect, brain) लेती है। कुछ इच्छाएं इतनी प्रबल होतीं हैं कि यदि मनुष्य की आत्मा
जागृत न हो और बुद्धि का मार्गदर्शन न करे तब मनुष्य की बुद्धि मन से प्रभावित हुयी
गलत निर्णय भी ले लेती है।
वासना न केवल मजबूत यौन इच्छा के रूप में प्रकट
होती है बल्कि यह धन या अन्य सांसारिक चीजों, प्रतिष्ठा, पद या शक्ति आदि के लिए दृढ़
आग्रह के रूप में भी प्रकट होती है। जब वासना बुद्धि को प्रभावित करने में सफल होती
है, बुद्धि, आत्मा से किसी भी मार्गदर्शन की अनुपस्थिति में, गलत निर्णय लेती है।
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