Thursday, May 21, 2015

अधूरा आकलन


मित्रो ! 
जहाँ समग्र आकलन अपेक्षित हो वहां पर अधूरा आकलन कोई अज्ञानी, काम से जी चुराने वाला अथवा कोई पक्षपाती आकलनकर्त्ता ही करता है। अतः अधूरे आकलन को देखकर आकलनकर्त्ता के बारे में सहज ही उसके अज्ञानी, कामचोर या पक्षपाती होने का निष्कर्ष निकाला जा सकता है। ऐसे आकलन से बुद्धिमान व्यक्तियों का प्रयोजन सिद्ध नहीं हो सकता।

मेरा मानना है कि हमें अधूरे आकलन से सदैव बचना चाहिये।


No comments: