Saturday, May 9, 2015

भोजन का पौष्टिक होना ही पर्याप्त नहीं

मित्रो !
उपयुक्त समय पर उपयुक्त वातावरण में उपयुक्त विधि से लिया गया उपयुक्त भोजन ही लाभकारी होता है। अन्यथा लिया गया पौष्टिक भोजन भी शरीर में गैस, कब्ज, अम्लता, आदि के साथ-साथ अनेक बिमारियों को जन्म देने वाले हानिप्रद विषाक्त पदार्थ (toxins) उत्पन्न करता है। ऐसा होने पर शाररिरिक शक्ति क्षीण होती है और कार्य क्षमता तथा दक्षता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

विस्तृत जानकारी के लिए मेरी Timeline पर निम्नलिखित शीर्षकों के अंतर्गत पोस्ट्स पढ़ींजा सकतीं हैं :
1. भोजनान्ते विषम वारी
2. खाने के समय तनाव रहित रहें
3. भोजन कैसा हो
4. भोजन का उपयुक्त समय
5. जाने जठराग्नि क्या है.


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