Wednesday, July 8, 2015

खाली वक्त करें प्रभु के नाम


मित्रो !

             जिस समय में हमारे पास अपने या औरों के लिए कोई उपयोगी कार्य करने के लिए न हो वह खाली समय होता है। ईश्वर के स्मरण का कार्य ऐसा कार्य होता है जो कभी पूरा नहीं होता और जिसके करते हम थकते भी नहीं हैं। खाली समय का सदुपयोग हम ईश्वर के स्मरण कर्म में कर सकते हैं। ईश्वर के स्मरण से हमारे अन्दर सदगुणों का विकास होता है और सत्कर्मों में हमारा विश्वास बढ़ता है। 
            प्रभु के स्मरण का कार्य ऐसा है जिसे हम किसी भी समय कर सकते हैं। जब हम खाली समय को ईश आराधना में व्यतीत करते हैं तब हमारे मन में अवांछित विचार जन्म नहीं लेते (Empty mind is a devil's workshop), हमारे खाली समय का सदुपयोग हो जाता है और हम ईश्वर के स्मरण का आनंद भी पा लेते हैं। यह तो वही हुआ कि -
खाली समय करें प्रभु के नाम। 
आम के आम, गुठलियों के दाम।।
           जो लोग ईश्वर को नहीं भी मानते हैं वे भी अपने खाली समय में सदगुणों और सत्कर्मों का चिंतन करते हुए अपने अंदर इनके प्रति आत्मबल बढ़ा सकते हैं।



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